सीसीएल सामाजिक योजनाओं के माध्यम से राज्य और राष्ट्र के विकास में एक मजबूत भागीदार बन रही है – निलेंदु कुमार सिंह

कोयला मंत्रालय और राष्ट्रीय मीडिया प्रतिनिधिमंडल का तीन दिवसीय सीसीएल दौरा 

 CSR, पर्यावरण, महिला सशक्तिकरण और तकनीक का किया अवलोकन

इस वित्तीय वर्ष में सीसीएल दो नई खदानें खोलने जा रही है, जिससे कंपनी के कोयला उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी

रांची । 20 से 22 जून 2025 तक कोयला मंत्रालय, पीआईबी, पीटीआई, जी-बिजनेस, आजतक, आउटलुक बिजनेस, ईटी एनर्जीवर्ल्ड, डीडी न्यूज़, आकाशवाणी समेत दिल्ली के प्रमुख राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों के वरिष्ठ पत्रकारों एवं मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने सीसीएल के विभिन्न कोयला क्षेत्रों का दौरा किया।

इस दौरे का उद्देश्य न केवल सीसीएल के खनन योगदान को देश की ऊर्जा सुरक्षा में प्रदर्शित करना था, बल्कि इसके CSR योजनाओं, सतत विकास की दिशा में किए गए प्रयासों, और समुदाय उत्थान की पहलों को राष्ट्रीय मीडिया के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित करना भी था।

तीन दिवसीय इस दौरे के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने सीसीएल द्वारा संचालित प्रमुख सीएसआर योजनाओं जैसे – “सीसीएल के लाल” एवं “सीसीएल की लाडली” केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने वहां के छात्रों से सीधी बातचीत की और उनके चयन, शिक्षा, भोजन, रहन-सहन एवं शैक्षणिक मार्गदर्शन की प्रक्रिया को समझा।

प्रतिनिधिमंडल को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि इन योजनाओं के छात्र-छात्राएं IIT, IIM, NIT, IIIT, BIT Mesra जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिला ले चुके हैं। इनमें से दो छात्रों ने न केवल इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाएं उत्तीर्ण कीं, बल्कि अपनी शिक्षा पूर्ण कर अब सीसीएल में खनन अभियंता (Mining Engineer) के रूप में कार्यरत हैं।

इनमें से एक हैं दिव्यांशु कुमार मिश्रा, जो झारखंड के रामगढ़ ज़िले के निवासी हैं और एक शिक्षक के पुत्र हैं। उन्होंने 2016-18 बैच में “सीसीएल के लाल” योजना में प्रवेश लिया। यहां से निशुल्क कोचिंग प्राप्त कर उन्होंने IIT (ISM) धनबाद से बी.टेक (खनन अभियांत्रिकी) पूर्ण किया और वर्तमान में कुज्जू क्षेत्र, सीसीएल में खनन अभियंता के रूप में सेवा दे रहे हैं।

दूसरे उदाहरण हैं मातुल बघेल, जो झारखंड के एनके क्षेत्र के एक साधारण परिवार से आते हैं। उनके पिता भोला राम बघेल, सीसीएल में एक्सकेवेशन हेल्पर के रूप में कार्यरत थे। मातुल ने “सीसीएल के लाल/लाडली” योजना के अंतर्गत डीएवी गांधी नगर में शिक्षा प्राप्त की तथा निशुल्क इंजीनियरिंग कोचिंग ली। उन्होंने 12वीं बोर्ड में 94% अंक प्राप्त किए, जेईई में उत्कृष्ट रैंक हासिल की और NIT रायपुर से खनन अभियांत्रिकी में बी.टेक पूर्ण किया। यह पूरी पढ़ाई सीसीएल द्वारा वित्तपोषित की गई थी। वर्ष 2021 में उन्होंने सीसीएल में सहायक प्रबंधक (Assistant Manager) के रूप में कार्यभार ग्रहण किया।

प्रतिनिधिमंडल ने बरका सायाल और उत्तरी ऊरीमारी क्षेत्रों का दौरा कर सीसीएल की पर्यावरण संरक्षण हेतु अपनाई गई आधुनिक तकनीकों जैसे- कोल हैंडलिंग प्लांट (CHP) और FMC परियोजना का अवलोकन किया। CHP तकनीक से तेज़ और प्रदूषण-रहित कोयला लोडिंग संभव हो रही है, जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इस दौरान बरका सयाल क्षेत्र के महाप्रबंधक अजय सिंह ने प्रतिनिधिमंडल का मार्गदर्शन किया और उन्हें क्षेत्र में संचालित परियोजनाओं, योजनाओं एवं सतत पहलों की विस्तार से जानकारी दी।

इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल ने मछली पालन परियोजना का भी जायजा लिया। उन्होंने लाभार्थी परिवारों से मुलाकात कर जाना कि सीसीएल की सहायता से ग्रामीणों को सशक्त आजीविका का साधन मिला है और वे अब हज़ारों की आमदनी प्राप्त कर रहे हैं।

वहीं, दूसरे दिन प्रतिनिधिमंडल ने एनके क्षेत्र स्थित चूरी अंडरग्राउंड खदान का दौरा किया और वहां पर उपयोग हो रही उन्नत माइनिंग तकनीकों को देखने के लिए अंडरग्राउंड खदान तक गए और एक-एक कर सारी बारिकियों को जाना। इस दौरान एनके क्षेत्र के महाप्रबंधक श्री दिनेश कुमार गुप्ता ने प्रतिनिधिमंडल को भूमिगत खनन की बारीकियों और तकनीकों की जानकारी दी। पत्रकारों ने खदान में कार्यरत महिला कर्मचारियों से बातचीत की और सीसीएल द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। इस दौरान मीडिया प्रतिनिधियों ने कोल इंडिया की पहली महिला खनन अभियंता आकांक्षा कुमारी से भी संवाद किया और उनके कोयला खदान में काम करने के अनुभवों को जाना। यह जानना महत्वपूर्ण है कि वर्तमान में सीसीएल में कुल चार महिला खनन अभियंता कार्यरत हैं, जो इस क्षेत्र में महिला भागीदारी का प्रतीक हैं।

इसके बाद सीसीएल मुख्यालय में सीएमडी निलेंदु कुमार सिंह, निदेशक (वित्त) पवन मिश्रा एवं निदेशक (मानव संसाधन) हर्ष नाथ मिश्र से मुलाकात कर पत्रकारों ने कंपनी की योजनाओं, भविष्य की रणनीतियों, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और सीएसआर के कार्यों पर गहन चर्चा की। इस अवसर पर सीएमडी निलेंदु कुमार सिंह ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में सीसीएल दो नई खदानें खोलने जा रही है, जिससे कंपनी के कोयला उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। देर रात तक चली इस बैठक में सीएमडी सीसीएल द्वारा सभी सवालों के उत्तर दिए गए।

वहीं, दौरे  के अंतिम दिन प्रतिनिधिमंडल ने खेलगांव परिसर में JSSPS (झारखंड स्टेट स्पोर्ट्स प्रमोशन सोसाइटी) के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे खिलाड़ियों से भेंट की। कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी इस दौरान उपस्थित थे। महिला सशक्तिकरण की दिशा में, पत्रकारों ने सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम सहित अन्य योजनाओं की लाभार्थी महिलाओं से मुलाकात की और उनके जीवन में आए बदलाव को जाना। इसके अलावा सीसीएल के द्वारा ही चलाए जा रहे योजना “रक्षक” के बारे में जाना, इस योजना के तहत हम सड़क पर घूम रहे बीमार पड़ चुके कुत्तों को पकड़कर उनका इलाज करते हैं तथा उन्हें फिर वापस सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया जाता है। ज्ञात हो कि इस योजना से प्रभावित होकर सराहना करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि इस प्रकार की योजनाओं को अन्य संस्थानों द्वारा भी चलाया जाना चाहिए।

अंत में, सभी ने CMPDI स्थित NACCER, 5G परीक्षण प्रयोगशाला, और पृथ्वी विज्ञान संग्रहालय का दौरा किया। CMPDI के सीएमडी मनोज कुमार एवं वरिष्ठ अधिकारियों से संवाद कर सभी ने कंपनी के आगामी परियोजनाओं, विदेशी निवेश और तकनीकी पहलुओं पर जानकारी ली।

सीसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक  निलेंदु कुमार सिंह के नेतृत्व में कंपनी न केवल पर्यावरण-संवेदनशील सतत खनन कर रही है, बल्कि विभिन्न सामाजिक योजनाओं के माध्यम से समुदाय, विद्यार्थियों, लोक कल्याण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दे रही है। सीसीएल की इन पहलों से न केवल कंपनी के हितधारकों को लाभ मिल रहा है, बल्कि राज्य और राष्ट्र के विकास में भी यह कंपनी एक मजबूत भागीदार बन रही है।

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