उत्तर रेलवे के विद्युत विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 417 ट्रैक किलोमीटर का विद्युतीकरण किया

नई दिल्ली। उत्तर रेलवे के विद्युत विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान अनेक उल्लेखनीय उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि इस अवधि में कुल 171.4 रनिंग ट्रैक किलोमीटर (RTK) अर्थात् 417 ट्रैक किलोमीटर (TKM) का विद्युतीकरण किया गया। इसमें मेहम-हांसी-रोहतक सेक्शन तथा कश्मीर घाटी में कटरा-बनिहाल सेक्शन का विद्युतीकरण शामिल है। इस उपलब्धि के साथ उत्तर रेलवे शत प्रतिशत विद्युतीकृत रेलवे बन गया है।

उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) के इस महत्वपूर्ण सेक्शन पर वायु गुणवत्ता सेंसर, वायु वेग सेंसर, जेट फैन, अत्याधुनिक प्रकाश व्यवस्था के साथ-साथ रियल-टाइम टनल वेंटिलेशन प्रणाली, टनल लाइटिंग, आपातकालीन निकासी संकेत प्रणाली, अग्नि पहचान एवं दमन प्रणाली जैसी तकनीकें स्थापित की गई है।

इस प्रतिष्ठित सेक्शन के कटरा-बनिहाल सेक्शन का विद्युतीकरण भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया  है ।  इस सेक्शन का 88% भाग सुरंगों में स्थित है, जहाँ Rigid Overhead Conductor System(ROCS) स्थापित किया गया है। यह प्रणाली भारतीय रेल प्रौद्योगिकी में एक नया मानदंड स्थापित करती है।

गाजियाबाद इलेक्ट्रिक लोको शेड भारतीय रेलवे का पहला ऐसा लोको शेड बन गया है, जिसने 200 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव में कवच (KAVACH) प्रणाली स्थापित करने का कार्य पूरा किया। वर्तमान में, कुल 215 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव को कवच प्रणाली से लैस किया जा चुका है, जो किसी भी अन्य रेलवे जोन की तुलना में सर्वाधिक संख्या है।

श्री वर्मा ने बताया कि नवीनीकृत ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देते हुए, वर्ष 2024-25 में उत्तर रेलवे के विभिन्न स्थानों पर 1.606 मेगावाट सौर फोटोवोल्टिक (Solar PV) प्रणाली स्थापित की गई। इसमें क्षेत्रीय रेल प्रशिक्षण केंद्र (ZRTI) चंदौसी और आलमबाग वर्कशॉप में 405 KWp सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना भी शामिल है।

पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए, उत्तर रेलवे ने EOG/HOG रेक के रखरखाव हेतु, डीजल जनरेटर (DG) सेट के स्थान पर 09 नई वॉशिंग लाइनों को 11 केवी/750v कॉम्पैक्ट सबस्टेशन (CSS) प्रणाली से लैस किया। इस प्रणाली से कुल 57 वॉशिंग लाइनों को जोड़ा गया है, जिससे 5.75 मिलियन यूनिट (MU) विद्युत की आपूर्ति सुनिश्चित हुई और लगभग 16 लाख लीटर HSD oil (High Speed Diesel) की बचत हुई।

रेल यात्रियों की सुविधा को बढ़ाने के उद्देश्य से वर्ष 2024-25 के दौरान उत्तर रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर 17 लिफ्टें और 13 एस्केलेटर सफलतापूर्वक लगाएं गए। यह रेलवे की सतत् विकास यात्रा का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे यात्री सेवाओं को और अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाया जा सकेगा ।

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