वाराणसी। गुरुवार को साझा संस्कृति मंच और बीएचयू छात्रों के आह्वान पर हैदराबाद विवि में तेलंगाना सरकार की ओर से बुलडोजर कार्यवाही का जोरदार विरोध हुआ। छात्रों का समूह बीएचयू गेट पर वन्य जीवों का संरक्षण करो ! पेड़ काटना बंद करो ! कॉर्पोरेट परस्त राजनीति मुर्दाबाद ! आदि नारे लिखे प्लेकार्ड लेकर जुटे।
बीएचयू गेट पर हुई सभा में छात्रों ने कहा कि हैदराबाद यूनिवर्सिटी से सटी 400 एकड़ जमीन पर तेलंगाना सरकार बुलडोज़र चलाकर जंगलों को उजाड़ रही है। विकास के नाम पर पर्यावरण और हजारों वन्यजीवों को बेरहमी से तबाह किया जा रहा है। यह कुकृत्य उन्हीं बेईमान और लुटेरे उद्योगपतियों के लिए किया जा रहा है, जिनके नाम लेकर राहुल गांधी सड़क से संसद तक मोदी सरकार पर हमलावर रहते हैं।
यह बात राष्ट्रीय प्राकृतिक संसाधनों की लूट की तो है ही। साथ ही पर्यावरण को बचाने की भी है। दुनिया भर के पर्यावरण विशेषज्ञ और वैज्ञानिक लगातार चेतावनी दे रहे हैं और भूंकप, भूस्खलन, बाढ़, तूफान जैसी आपदाएं भी नसीहतें दे रही हैं कि इस वक़्त दुनिया मे जंगल उजाड़ने से बड़ा कोई अपराध नहीं है। इसके बावजूद सरकारें मगरूर और जनविरोधी बनी हुई हैं।
हैदराबाद विवि से आ रहे वीडियो में बुलडोजर कार्यवाही का विरोध कर रहे छात्रों पर पुलिसिया दमन और मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के प्रदर्शनकारी विरोधी बयान शर्मनाक हैं।
अलार्मिंग है कि सभी राजनैतिक दलों में लोकतांत्रिक मूल्यों का क्षरण हो रहा है। साथ ही शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार पर्यावरण इत्यादि के मुद्दे पर इनकी सोच कॉरपोरेट परस्त होती जा रही है। मुनाफाखोर बड़ी कम्पनियो के साथ राजनीति का गठजोड़ आम आदमी को नुकसान पंहुचाने वाला मॉडल है।
हमने देखा है भाजपा सरकार अडानी जैसे मोदी मित्रों को जंगल पहाड़ सब बेच रही है, हसदेव जंगल छत्तीसगढ़ में हजारो एकड़ में लाखो पेड़ो को काटा गया है। लद्दाख में विकास के नाम पर हजारो एकड़ भूभाग कॉर्पोरेट को दिया गया है। नर्मदा नदी के विस्थापित बाशिंदे आज भी बांध की और इस विकास की मार झेल रहे है। तेलंगाना में कांग्रेस सरकार उसी विनाशकारी रास्ते पर चल रही है।

कॉर्पोरेट राजनैतिक गठजोड़ की संगठित लूट से जन्म लेने वाला विकास इंसानो और जीवों का विस्थापन कर रहा है। नदियों और पर्यावरण को खा जा रहा है।
बढ़ती हुई गर्मी , मौसम में बदलाव , ठंडी के मौसम में कमी , असमय बारिश और श्वांस की त्वचा की तमाम बीमारियां किसी दूर देश की बात नहीं है। अपने बनारस में बीएचयू में अंधाधुन पेड़ काटे जा रहे है। पंचक्रोशी यात्रा के पड़ाव का प्रमुख कुंड शिवपुर में तीन एकड़ में फैले तालाब को दबंग कब्ज़ा कर रहे है। शहर कंक्रीट के जंगल में तब्दील हो रहा है। गंगा नदी के बीच में रेत के टीले निकल रहे हैं। असि वरुणा बुरी तरह से प्रदूषित हैं और कब्जे में है।
बनारस का छात्र नागरिक समुदाय इस तरह के पर्यावरण द्रोही इंसानियत द्रोही कार्यवाही का विरोध करते है। पत्रकारों और छात्रों पर लाठीचार्ज की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। सभा में मुख्य रूप से एकता,सानिया,नीति,अनामिका,प्रियंका,सिद्धि,कात्यानी,मोहित,मनीष,अखंड,साहिल,साम्भवी पिंकित गौतम, ताहिर अंसारी, गुड्डू कुमार,पवन,विकास,उमेश,रवि कांत,रवि शेखर,राहुल यादव,आदित्य, फादर आनंद, धन्नजय,रौशन, मिहिर,सिस्टर , फलरोरिन,आर्यन,अमन,दीपक,ओजस आर्या,टैंन, अनन्या आदि मौजूद रहे।

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