विकसित कृषि संकल्प अभियान कर्मकांड नहीं, वैज्ञानिकों के प्रयास से किसानों की दशा सुधारने का प्रयास

*आईआईवीआर की समीक्षा बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री के उद्गार* 

 वाराणसी। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को सर्किट हाउस सभागार में वाराणसी में सब्जी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान कृषि वैज्ञानिकों को विकसित कृषि संकल्प अभियान को आगे बढ़ने और किसानों के साथ संवाद को तीव्र गति देने की बात कही। उन्होंने देश भर में चलाए गए विकसित कृषि संकल्प अभियान की सफलता की प्रशंसा की और कहा कि देश में खाद्यान उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है और उसकी गुणवत्ता तथा किसानों तक इसका लाभ पहुँचाने की आवश्यकता है। उन्होंने सब्जी उत्पादन बढ़ाने के लिए जीनोम एडिटिंग, बीज उपचार, जैविक खेती एवं प्राकृतिक खेती के लाभ की किसानों तक पहुंचाने की बात कही। साथ ही नकली खाद, अमानक बीज एवं  पेस्टिसाइड जैसी समस्याओं से किसानों को निजात दिलाने के लिए कार्ययोजना बनाये जाने की बात कही।

मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश में 16 हजार कृषि वैज्ञानिक हैं जो शोध करते हैं और उन्नत क्वालिटी के बीज तैयार करते हैं। उन्होंने लैब टू लैंड कार्यक्रम की प्रशंसा की और कहा कि इससे किसानों की जरूरतों के अनुसार शोध किया जा सकता है।उन्होंने टमाटर की शेल्फ लाइफ बढ़ाने, सुखे पाउडर और एक्सपोर्ट को बढ़ाने वाली फसलों का विकास करने, जैविक और परंपरागत खेती से उत्पादन के वैज्ञानिक तथ्यों पर डेटा जुटाने, जीन एडिटिंग पर तेजी से कार्य करने और विकसित कृषि संकल्प अभियान में किसानों की जरूरत के हिसाब से शोध करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आईआईवीआर के वैज्ञानिक इस अभियान से प्राप्त अनुभवों पर एक ब्रेन स्टॉर्मिंग करके किसानों को किस प्रकार इसका लाभ दिया जाय, इस पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा किए जा रहे नवाचारों के माध्यम से उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर देना होगा। कृषि मंत्री ने कहा कि देश में कृषि क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने, लागत घटाने, उपज के नुकसान की भरपाई करने, उत्पादन के उचित दाम देने और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का काम हो रहा है। इसके लिए विभिन्न विभागों , केवीके एवं राज्य के कृषि विभाग के अधिकारियों के बीच बेहतर तालमेल किये जाने पर जोर दिया।

समीक्षा बैठक में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ राजेश कुमार ने संस्थान की उपलब्धियों और किसानों के साथ किए जा रहे कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत संस्थान के वैज्ञानिकों ने 6 जनपदों में 825 गांवों के 61109 किसानों से संवाद किया। साथ ही आईसीएआर के सहायक महानिदेशक डॉ सुधाकर पांडेय ने संस्थान की गतिविधियों पर संक्षिप्त जानकारी दी। 

 केंद्रीय कृषि मंत्री ने आगामी रबी सत्र के लिए क्षेत्रवार कार्ययोजना तैयार करने पर जोर दिया और कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती को देखते हुए सब्जी उत्पादन प्रणाली में अधिक लचीलापन लाना होगा। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्रों और शोध संस्थानों के मध्य समन्वय का एक प्रभावी माध्यम बताते हुए किसानों तक तकनीक हस्तांतरण की गति तेज करने पर बल दिया।  बैठक में आईआईवीआर के वैज्ञानिको एवं अधिकारियों के साथ राज्य के कृषि विभाग एवं केवीके के अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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