स्वैच्छिक रक्तदान निःस्वार्थ सेवा का सर्वोत्तम उदाहरण,स्वेच्छा से नियमित रक्तदान करना चाहिए – मुरलीकृष्ण रमैया

विश्व रक्तदाता दिवस पर बीसीसीएल एवं सीआईएसएफ के संयुक्त तत्वावधान में रक्तदान शिविर का आयोजन

सेंट्रल हॉस्पिटल, धनबाद में सीआईएसएफ बीसीसीएल यूनिट के 25 से अधिक अधिकारियों एवं कर्मियों ने किया रक्तदान, राष्ट्र-सेवा के साथ दिया मानवता का संदेश

धनबाद। विश्व रक्तदाता दिवस (वर्ल्ड ब्लड डोनर डे) के अवसर पर आज सेंट्रल हॉस्पिटल, बीसीसीएल धनबाद में बीसीसीएल और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के संयुक्त तत्वाधान में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुभारंभ अतिथियों के स्वागत-अभिनन्दन और दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया, जिसके उपरांत निदेशक (मानव संसाधन) मुरलीकृष्ण रमैया, सीआईएसएफ कमांडेंट आशुतोष चौधरी और सीएमओ डॉ. वंदना ठाकुर ने रक्तदान शिविर का संयुक्त रूप उद्घाटन किया। 

सीआईएसएफ बीसीसीएल इकाई के सौजन्य से आयोजित इस कार्यक्रम में सीआईएसएफ के 25 से अधिक अधिकारियों एवं जवानों ने स्वेच्छा से रक्तदान कर उत्कृष्ट सेवा भावना और मानवता का परिचय दिया। मुख्य आरक्षी गौरव कुमार पाण्डेय ने सर्वप्रथम रक्तदान कर कार्यक्रम की शुरुआत की जिसके पश्चात अन्य अधिकारियों एवं कर्मियों ने उत्साहपूर्वक रक्तदान किया।

आयोजन का उद्देश्य न केवल आपात स्थिति के लिए रक्त की आवश्यकता की पूर्ति करना था, बल्कि समाज में रक्तदान के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण एवं मानव सेवा की भावना को प्रोत्साहित करना भी था। कार्यक्रम के औपचारिक उद्घाटन के पश्चात उपस्थित सभी अधिकारियों एवं कर्मियों ने रक्तदान जागरूकता हेतु शपथ लिया। बताया गया कि 18-65 वर्ष की आयु का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति आसानी से रक्तदान कर सकता है। श्रेष्ठ मानवीय कार्य होने के साथ-साथ स्वास्थ्य की दृष्टि से भी इसके कई लाभ है। रक्तदान से हृदय का स्वास्थ्य बेहतर होता है, क्योंकि इससे रक्त का गाढ़ापन कम हो जाता है और यह आसानी से शरीर में प्रवाहित होता है। जिससे हार्ट-अटैक की सम्भावना बहुत कम हो जाती है। इसके अतिरिक्त नियमित रक्तदान से स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण में मदद मिलती है और कैंसर का जोखिम भी कम होता हैं। 

अपने उद्घाटन संबोधन में निदेशक (मानव संसाधन)  मुरलीकृष्ण रमैया ने कहा कि ‘स्वैच्छिक रक्तदान निःस्वार्थ सेवा का सर्वोत्तम उदाहरण है। जो एक जिम्मेदार नागरिक होने का अहसास देता है। यह मानव जीवन के रक्षार्थ किया गया श्रेष्ठ मानवीय आचरण भी है। उन्होंनें कहा कि रक्तदान न केवल भावनात्मक संतुष्टि देता हैं बल्कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ है। इसलिए सभी को स्वेच्छा से नियमित रूप से रक्तदान करना चाहिए, साथ ही दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए। ‘

अवसर पर विभागाध्यक्ष (सीएचडी, पैथोलॉजी) डॉ. रणविजय प्रताप, प्रबंधक (मानव संसाधन) श्री विनीत सिन्हा, सीआईएसएफ इंस्पेक्टर श्री गोपाल भगत, बीएचएम (सीआईएसएफ) ए.के.सिंह सहित दोनों संस्थाओं के अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उल्लेखनीय है कि विश्व रक्तदाता दिवस प्रत्येक वर्ष 14 जून को नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. कार्ल लैंडस्टीनर की जयंती पर मनाया जाता है, जिन्होंने रक्त समूह की खोज कर आधुनिक रक्तदान प्रणाली की आधारशिला रखी। यह दिन उन लाखों रक्तदाताओं को समर्पित है, जो निःस्वार्थ भाव से मानव जीवन की रक्षा हेतु आगे आते हैं।

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