हीटवेव से बचाव के सम्बन्ध में डीएम ने अधिकारियों के साथ की बैठक

सोनभद्र। जिलाधिकारी बी0एन0 सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में हीटवेव/लू से बचाव के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक की गयी। इस दौरान जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि हीटवेव/लू से बचाव हेतु जन जागरूकता अभियान चलाया जाये। हीटवेव के दौरान क्या करें और क्या न करें, के सम्बन्ध में जन मानस को जानकारी दी जाये। उन्होंने कहा कि गर्म हवाएँ/लू की स्थिति में क्या करें और क्या न करें, रेडियो, टीवी और समाचार पत्रों के माध्यम से स्थानीय मौसम एवं तापमान की जानकारी रखें। पर्याप्त और नियमित अंतराल पर पानी पीते रहें। सफर में अपने साथ पीने का पानी हमेशा रखें। .खुद को हाइडेªटेड रखने के लिए ओ0आर0एस घोल, नारियल पानी, लस्सी, चावल का पानी, नींबू का पानी, छाछ, आम का पन्ना इत्यादि घरेलू पेय पदार्थ का इस्तेमाल करें। हल्के रंग का ढीले-ढाले और सूती कपड़े पहनें।.

धूप में निकलते समय अपना सिर ढक कर रखें, कपड़े, टोपी या छाता का उपयोग करें। कोविड अनुकूल व्यवहार का अपनाएं हाथों को साबुन और पानी से बार-बार धोए मास्क का प्रयोग एवं सामाजिक दूरी का पालन करें। नियोक्ता और कर्मचारी के लिए, कार्यस्थल पर ठंडा पेयजल उपलब्ध रखें। कर्मचारियों को सीधी धूप मे काम करने से सावधान करें। अत्यधिक परिश्रम वाले कार्यों को दिन के ठंडे समय में निर्धारित करें। खुले वातावरण या बाहरी गतिविधियों के लिए अवकाश की आवृति व समय में वृद्धि करें। गर्भवती एवं ऐसे कर्मचारियों को जिन्हें चिकित्सा देखभाल की जरूरत हो उनका अतिरिक्त ध्यान रखें। वृद्ध एवं संवेदनशील व्यक्तियों के लिये, .अत्यधिक गर्माीध्लू के दौरान दिन में कम से कम दो बार उनकी जॉच करें, विशेष रूप से जब वो अकेले हों। सूनिश्चित करें कि उनके पास फोन हो।.यदि वे गर्मी से बेचैनी या तनाव महसूस कर रहे हों तो उन्हे ठंडक देने का प्रयास करें।.उन्हें ठंडे पानी से नहलाएं, उसके गर्दन, पेट एवं सिर पर बार-बार गीला तौलिया रखें। ठंडा रखने की कार्यवाही के उपरान्त चिकित्सक या एम्बुलेंस की मदद लें। उन्हे अपने पास हमेशा पानी की बोतल रखने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि शिशुओं के लिए .उन्हें पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ एवं पानी पिलाएं। अत्यधिक गर्मी/लू के दौरान शिशुओं में होने वाली बीमारियों के बारे में जाने । यदि बच्चों के पेशाब का रंग गहरा नजर आये तो समझ लें कि वह हाइडेटिड (पानी की कमी) के शिकार हैं। बच्चों को बिना निगरानी के पार्क की गयाी कार में अकेला न छोड़ें, वाहन जल्दी गर्म होकर खतरनाक तापमान पैदा कर सकते है जो बच्चों के लिये घातक हो सकती है।

पशुओं के लिए .जहां तक संभव हो, तेज गर्मी के दौरान जानवरों को घर के अंदर रखें। यदि उन्हें घर के भीतर रखा जाना संभव न हो तो उन्हें किसी छायादार स्थान में रखें, जहां वे आराम कर सकें । ध्यान रखें कि जहां उन्हें रखा गया हो वहां दिन भर छाया रहें। जानवरों को किसी बंद गार्डन शेड या गैरेज में न रखें, क्योंकि गर्म दिन में इन्हे जल्दी गर्मी लग सकती है। .ध्यान रखें कि आपके जानवरों को पीने के लिये साफ और ताजा पानी उपलब्ध हो, पानी को धूप में न रखें इससे पानी गरम हो जायेगा। दिन के समय उनके पानी में बर्फ का टुकडा ड़ालें जिससे पानी ठंडा रहे। पीने के पानी के दो बर्तन रखें ताकि एक में पानी खत्म होने पर दूसरे बर्तन में भरे पानी को वो पी सकंे। अपने पालतू जानवरों का खाना धूप में न रखें। किसी भी परिस्थिति में जानवरों को वाहन में अकेला न छोडें। उन्होंने कहा कि अन्य सावधानियों जितना हो सके घर के अंदर रहें। अपने घर को ठंडा रखें। पर्दे, शटर या सनशेड का प्रयोग करें और रात मे खिड़कियां खुली रखें। घर के निचली तलों पर रहने का प्रयास करें। पंखे का प्रयोग करें, ठंडे पानी में नियमित स्नान करें। कमजोरी, चक्कर आने या बीमार महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाए।

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