एनटीपीसी सिंगरौली में बिरजू महाराज कत्थक संस्थान द्वारा कथक नृत्य कार्यशाला का आयोजन

सोनभद्र। एनटीपीसी सिंगरौली में  शुक्रवार, 30 मई की शाम काफ़ी उत्साहपूर्ण रही। जिसमें परियोजना द्वारा बालिका सशक्तीकरण अभियान (जेम -2025) की बालिकाओं को एक ख़ास तोहफा दिया गया। जिसमें प्रसिद्ध बिरजू महाराज कत्थक संस्थान, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश) एवं एनटीपीसी सिंगरौली के संयुक्त तत्वावधान में निःशुल्क ग्रीष्मकालीन कथक नृत्य कार्यशाला का विशेष आयोजन मुख्य अतिथि बतौर श्रीमती पीयूषा अकोटकर, अध्यक्षा (वनिता समाज) द्वारा स्थानीय सरस्वती सभागार में दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर कुछ नामित बालिकाओं का जन्मदिन केक काटकर मनाया गया। इसके अनुरूप कार्यशाला का आयोजन दिनांक 29 मई से 4 जून 2025 तक स्थानीय कर्मचारी विकास केंद्र में आयोजित किया जा रहा है। 

बता दें कि, इस कथक  नृत्य कार्यशाला से जेम -2025 की सभी बालिकाओं के साथ – साथ स्थानीय वनिता समाज की सदस्याएँ एवं टाउनशिप की बालिकाएं भी लाभान्वित हो रहीं हैं। जिसमें उन सभी को मार्गदर्शक एवं प्रशिक्षक के रूप में डॉ रंजना उपाध्याय (सहायक आचार्य कथक नृत्य, बी.एच.यू.) द्वारा कथक  नृत्य का उचित प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। सप्त दिवसीय इस कत्थक नृत्य कार्यशाला के आयोजन का मुख्य उद्देश्य राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत की बीज को इन नन्हीं बालिकाओं के भीतर बोना है। जिससे उन्हें हमारे भारत वर्ष की विविध संस्कृति एवं उनके नैतिक मूल्यों के बारे में ज्ञान हो सके।   

ज्ञात हो कि, एनटीपीसी सिंगरौली द्वारा प्रति वर्ष इन ग्रामीण इलाकों कि बालिकाओं के सम्पूर्ण विकास के लिए निःशुल्क उनके रहने, खाने- पीने, सोने, कपड़े, पढ़ाई- लिखाई, व्यायाम, सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग तथा सह पाठ्यक्रम गतिविधियों पर भी विशेष ध्यान दिया जाते रहा है, जिसका मूल उद्देश्य समाज में नारी शक्ति को बढ़ावा देना तथा उन्हें और सशक्त बनाना रहा है।

इस संबंध में एनटीपीसी सिंगरौली कि इस योजना को सफल बनाने में प्रयासरत डॉ ओम प्रकाश, उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन) ने संस्कृति विभाग (उत्तर प्रदेश), बिरजू महाराज कत्थक संस्थान (लखनऊ), एवं स्थानीय वनिता समाज, शक्तिनगर का विशेष धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि, “शास्त्र ही शस्त्र है, किसी भी कार्य को अच्छे तरीके तथा निर्धारित समय में पूर्ण करने के लिए हमें संबन्धित विषय के मूल ज्ञान का होना अति आवश्यक है। इस कत्थक कार्यशाला के द्वारा बालिकाओं को हमारे भारत कि संस्कृति को जानने तथा उनसे जुड़ने का भी अवसर मिलेगा।“ इस अवसर पर वनिता समाज कि अन्य सदस्याएँ, स्थानीय विद्यालय एवं जेम कार्यशाला के अध्यापक गण आदि भी उपस्थित रहे।

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