दीपोत्सव-2025 में रामायण के सात कांड पर आधारित झांकियों से अयोध्या होगी राम मय – जयवीर सिंह

लखनऊ। अयोध्या दीपोत्सव-2025 में रामायण के सात कांडों पर आधारित झांकियों का भव्य प्रदर्शन किया जाएगा। शोभायात्रा में प्रभु श्रीराम के बालकांड से लेकर उत्तरकांड तक की प्रसंगों को कलाकार झांकियों के माध्यम से जीवंत रूप में प्रस्तुत करेंगे। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया इस शोभायात्रा का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और धर्मग्रंथों की शिक्षाओं को आमजन तक पहुंचाना, विशेषकर बच्चों और युवा पीढ़ी को उनकी पौराणिक कथाओं और संस्कृति से जोड़ना भी है। इसके साथ ही मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन का संदेश जन-जन तक पहुंचाना है।

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया अयोध्या दीपोत्सव की शोभायात्रा में शहर के मार्गों पर सांस्कृतिक समृद्धि और धार्मिक भावनाओं का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा, जिसमें स्थानीय और देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालु शामिल होंगे। रामनगरी 26 लाख से अधिक दीयों से जगमगाएगी। लक्ष्मण किला घाट से नया घाट तक 2100 लोगों द्वारा महाआरती विशेष आकर्षण होगा। यह दीपोत्सव पिछले वर्षों से अधिक भव्य होगा, जिसमें आस्था और नवाचार का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। पर्यटन मंत्री ने बताया कि भगवान श्रीराम के त्याग एवं लोकजीवन की लीला सदियों तक मानव समुदाय को प्रेरित करती रहेंगी।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि दीपोत्सव-2025 में भगवान श्रीराम की जीवन गाथा को जीवंत करने वाली भव्य झांकियों का प्रदर्शन होगा। प्रत्येक झांकी में रामायण के प्रमुख प्रसंगों का कलात्मक चित्रण किया जाएगा, जो भगवान श्रीराम के जीवन, आदर्शों, मर्यादा और धर्म की विजय के संदेश से प्रेरित होंगे। पारंपरिक परिधानों, संगीत, नृत्य और साज-सज्जा के माध्यम से प्रस्तुत ये झांकियां दीपोत्सव के सांस्कृतिक उल्लास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएंगी। उन्होंने बताया कि झांकियों एवं विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से भगवान श्रीराम के आदर्श चरित्र को धरातल पर उतारकर त्रेतायुग का आभास कराना है।

बालकांड की झांकी में भगवान राम के जन्म और विश्वामित्र आश्रम गमन के प्रसंग को दर्शाया जाएगा, वहीं अयोध्या कांड में राम और सीता के विवाह, वनगमन आदि को प्रस्तुत किया जाएगा। अरण्य कांड में सीता हरण और जटायु प्रसंग, किष्किंधा कांड में सुग्रीव-मित्रता, सुंदरकांड में हनुमान की लंका यात्रा और उनके पराक्रम, लंका कांड में रावण-वध और उत्तर कांड में श्रीराम के राज्याभिषेक के दृश्य विशेष आकर्षण रहेंगे।

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