राजभाषा का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रयोग देश की सांस्कृतिक गरिमा को वैश्विक स्तर पर स्थापित करता है – बी. साईराम

एनसीएल की जयंत परियोजना में सम्पन्न हुई नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) की प्रथम छः माही बैठक
सोनभद्र, सिंगरौली।  एनसीएल की जयंत परियोजना के अधिकारी क्लब में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास), सिंगरौली की वर्ष 2025–26 की प्रथम छः माही बैठक संपन्न हुई। इस बैठक की अध्यक्षता एनसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक/अध्यक्ष, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) सिंगरौली बी. साईराम ने की। बैठक में निदेशक  (मानव संसाधन)  मनीष कुमार एवं परियोजना प्रमुख, एनटीपीसी विंध्याचल, विंध्यनगर  संजीब कुमार साहा विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।

नराकास की इस प्रथम छः माही बैठक के दौरान महाप्रबंधक (राजभाषा) एनसीएल/सचिव, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास), सिंगरौली, प्रमोद कुमार सिन्हा, एनसीएल की विभिन्न परियोजनाओं के महाप्रबंधकगण, प्रभारी (पावर ग्रिड), के.औ.सु.बल., विध्यनगर, एसबीआई, बैढ़न, पोस्ट ऑफिस, यूनियन बैंक, रेलवे, बीईएमएल, बीएसएनएल एवं अन्य सरकारी संस्थानों के राजभाषा अधिकारी/ प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस दौरान सीएमडी, एनसीएल बी. साईराम ने अपने सम्बोधन में उपस्थित सभी को कार्यालयीन कार्यों में हिंदी भाषा के अधिकाधिक प्रयोग के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि राजभाषा का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रयोग देश की सांस्कृतिक और प्रशासनिक गरिमा को वैश्विक स्तर पर स्थापित करता है। उन्होंने हिंदी के प्रयोग से जुड़ी विभिन्न प्रक्रियाओं पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कार्यान्वयन से जुड़े महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी साझा किए। बैठक के दौरान स्वागत उद्बोधन महाप्रबन्धक (राजभाषा), प्रमोद कुमार सिन्हा एवं धन्यवाद ज्ञापन क्षेत्रीय महाप्रबंधक (जयंत) राजीव कुमार द्वारा दिया गया। इस दौरान वरीय प्रबन्धक (राजभाषा) एनसीएल ने विगत वर्ष की उपलब्धियों एवं वर्तमान कार्ययोजनाओं की प्रस्तुति दी। साथ ही, प्रतिभागी संस्थानों के प्रतिनिधियों ने राजभाषा के प्रचार-प्रसार हेतु उपयोगी सुझाव साझा किए।
गौरतलब है कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा गठित सिंगरौली नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) में सिंगरौली जिले में स्थित एनसीएल, एनटीपीसी, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन, बीईएमएल, एसबीआई, पोस्ट ऑफिस, सीआईएसएफ, बीएसएनएल तथा  इंश्योरेंस कंपनियों सहित केंद्र सरकार के 20 से अधिक कार्यालय शामिल हैं। 

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