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84 बालिकाओं के आत्मविश्वास से भरे प्रदर्शन और उनके उज्जवल भविष्य के संकल्प के साथस शक्तिकरण यात्रा का समापन
हमने अपनी बेटियों को यहाँ सीखने भेजा था, लेकिन वे नेतृत्व करने की भावना के साथ लौट रही हैं -अभिभावक
बालिका सशक्तिकरण अभियान सिर्फ एक मिशन नहीं, बल्कि एक आंदोलन है- राजीव खन्ना
कोरबा । एनटीपीसी कोरबा में बालिका सशक्तिकरण अभियान (6.0) के समापन समारोह का आयोजन भावनाओं और प्रेरणा से भरपूर रहा। इस एक महीने की सशक्तिकरण यात्रा का समापन 84 बालिकाओं के आत्मविश्वास से भरे प्रदर्शन और उनके उज्जवल भविष्य के संकल्प के साथ हुआ।
समारोह में प्रतिभागी बालिकाओं ने अपने समर्पण, कौशल और आत्मबल का परिचय देते हुए कई प्रभावशाली प्रस्तुतियाँ दीं।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की नाट्य प्रस्तुति ने दर्शकों को गहराई से छुआ। यह प्रस्तुति देश की महिला सैनिकों की वीरता, बलिदान और समर्पण को समर्पित थी—जिनकी प्रेरणा बालिका सशक्तिकरण अभियान के मूल उद्देश्य से जुड़ी हुई है।

‘महाकुंभ’ नामक सांस्कृतिक प्रस्तुति ने भारत की आध्यात्मिक विविधता, एकता और आस्था की शक्ति को रंगीन मंचन के माध्यम से दर्शाया। यह नृत्य दृश्य सामूहिक चेतना और परंपरा की ताकत का प्रतीक था। योग प्रदर्शन में बालिकाओं ने तालमेल और लयबद्धता के साथ तन-मन की एकता का सजीव चित्र प्रस्तुत किया, जो इस अभियान के समग्र विकास मॉडल का महत्वपूर्ण पहलू रहा है।
समारोह का अंतिम प्रदर्शन “We Shall Overcome” (हम shall जीतेंगे) गीत का सामूहिक गायन था, जिसमें बालिकाओं की आवाज़ों में आशा, आत्मबल और संकल्प की स्पष्ट झलक थी। यह गीत उनके सफर और संघर्ष का प्रतीक बन गया।
समारोह में NTPC कोरबा के कार्यकारी निदेशक राजीव खन्ना, वरिष्ठ अधिकारीगण, शिक्षकगण, अभिभावक, और स्थानीय प्रतिनिधि उपस्थित रहे। अपने उद्बोधन में श्री खन्ना ने कहा: “बालिका सशक्तिकरण अभियान सिर्फ एक मिशन नहीं, बल्कि एक आंदोलन है। बीते 30 दिनों में इन 84 बेटियों ने दिखा दिया है कि बदलाव केवल संभव नहीं है, बल्कि वह शुरू हो चुका है। हम सभी को इनकी यात्रा का हिस्सा बनने पर गर्व है।”
इस अभियान के दौरान बालिकाओं ने शिक्षा के साथ-साथ नेतृत्व, आत्मविश्वास, सामाजिक जागरूकता, कला, योग, संगीत, और नैतिक मूल्यों का प्रशिक्षण प्राप्त किया। कार्यक्रम में कई प्रेरणादायक व्यक्तित्वों से संवाद भी हुआ, जिससे उनके भीतर बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने का साहस पैदा हुआ।
एक अभिभावक ने भावुकता से कहा: “हमने अपनी बेटियों को यहाँ सीखने भेजा था, लेकिन वे नेतृत्व करने की भावना के साथ लौट रही हैं।”
बालिका सशक्तिकरण अभियान 6.0 का समापन, एक अंत नहीं बल्कि एक नई शुरुआत है—एक ऐसी शुरुआत जिसमें 84 बेटियाँ आत्मविश्वास और आशा के साथ समाज में सकारात्मक बदलाव लाने को तैयार हैं।
NTPC कोरबा ने अपने 50वें स्थापना वर्ष में यह एक बार फिर सिद्ध कर दिया है कि सच्ची प्रगति केवल मेगावाट्स से नहीं, बल्कि सपनों को पंख देने, जीवन को छूने और भविष्य को गढ़ने से होती है।

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