लोक कवि और पत्रकार बिरजू प्रसाद द्वारा रचित संविधान चालीसा का पाठ किया गया
वाराणसी । भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताओं, निर्माण प्रक्रिया मुल्की अधिकार एवं कर्तव्यों सहित संवैधानिक मूल्यों को चालीस चौपाइयों में समेत कर उसे संविधान चालीसा के रूप में प्रस्तुत करने का अभिनव कार्य बिहार के कैमूर जिले के छोटे से गाँव दीवाने के निवासी लोक कवि और पत्रकार बिरजू प्रसाद ने किया है । शुक्रवार को सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट द्वारा ग्राम भंदहा कला में संचालित ई लाइब्रेरी एवं अध्ययन केंद्र में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने उक्त संविधान चालीसा का प्रथम पाठ सस्वर किया गया ।
इस अवसर पर आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि संवैधानिक मूल्यों के प्रति हर व्यक्ति को सचेत करने के लिए लोकगीत, लोक संगीत और कोल कला के माध्यम से संविधान को जन जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है । संविधान चालीसा के रचयिता, पत्रकार एवं मचान वेलफेयर ट्रस्ट के सचिव बिरजू प्रसाद ने कहा कि संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति सरल और सहज तरीके से जागरूक करने के उद्देश्य से इस चालीसा की रचना की गयी है, उन्होंने बताया कि आज इस चालीसा की प्रथम सार्वजनिक प्रस्तुति की जा रही है ।
कार्यक्रम में कैलाश प्रजापति, रमेश प्रसाद, सौरभ चन्द्र, साधना पाण्डेय, सरोज सिंह, श्वेता सिंह, दीन दयाल सिंह, अमित कुमार, अशोक यादव आदि की प्रमुख रूप से उपस्थिति रही, धन्यवाद ज्ञापन मिथिलेश दुबे ने किया ।

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