पिपरवार में जल शोधन संयंत्र शुरू, सीसीएल की पहल से बचड़ा टाउनशिप को मिली नई जीवनधारा

रांची। पिपरवार क्षेत्र का पुराना जल शोधन संयंत्र अब नई ऊर्जा और तकनीकी मजबूती के साथ फिर से सक्रिय हो गया है। सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के नेतृत्व में इस संयंत्र का व्यापक नवीनीकरण कार्य पूरा कर लिया गया है। 0.75 मिलियन गैलन प्रतिदिन (MGD) की क्षमता वाला यह संयंत्र 1992 में चालू किया गया था और तब से पहली बार इसका इतने व्यापक स्तर पर पुनरुद्धार हुआ है। यह संयंत्र बचरा टाउनशिप के लिए जीवनरेखा है, जो 2000 से अधिक परिवारों और क्षेत्रीय अस्पताल, डीएवी स्कूल, पुलिस स्टेशन जैसे अति आवश्यक संस्थानों को पेयजल उपलब्ध कराता है।

इस महत्वाकांक्षी परियोजना का नेतृत्व सीसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक एन.के. सिंह और निदेशक (मानव संसाधन) एच.एन. मिश्रा के मार्गदर्शन में हुआ। श्री सिंह ने कंपनी के मूलभूत सिद्धांतों को दोहराते हुए कहा कि, “स्वच्छ जल की आपूर्ति कर्मचारियों और उनके परिवारों का मौलिक अधिकार है और सीसीएल इसके लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है।” निदेशक (मानव संसाधन) श्री मिश्रा ने इसे मानव संसाधन कल्याण की दृष्टि से एक ऐतिहासिक कदम बताया। संयंत्र के नवीनीकरण की ज़िम्मेदारी प्रतिष्ठित सार्वजनिक उपक्रम मेकॉन (MECON) को सौंपी गई, जिसने पुराने और क्षतिग्रस्त फिल्टर बेड, एरेटर, क्लैरिफ्लोक्युलेटर और पंपों का कायाकल्प किया। इसके साथ ही जल प्रवाह और शुद्धिकरण प्रणाली को नए सिरे से डिजाइन किया गया ताकि संयंत्र अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य कर सके। 29 अप्रैल को संयंत्र को फिर से चालू किया गया, जिसके बाद एरिया कंसल्टेटिव कमेटी (ACC) और एरिया वेलफेयर कमेटी (AWC) के सदस्यों ने इसका दौरा किया। उन्होंने संयंत्र के कार्यप्रणाली का निरीक्षण किया और सुझाव भी दिए। उपस्थित जनसमूह में कर्मचारियों से लेकर यूनियन प्रतिनिधि और कल्याण बोर्ड के सदस्य तक शामिल रहे, जिन्होंने इस पहल की सराहना की।

महाप्रबंधक (पिपरवार)  संजीव कुमार ने मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि, “सीसीएल न केवल शुद्ध पेयजल के आपूर्ति हेतु प्रतिबद्ध है, बल्कि वितरण तंत्र—विशेषकर पाइपलाइनों—की हालत को सुधारने के लिए भी कार्य कर रही है। हमारा उद्देश्य है कि नल तक स्वच्छ और निरंतर जल पहुंचे।”

सीसीएल पूरे कोलफील्ड क्षेत्र में 10 पुराने जल शोधन संयंत्रों का नवीनीकरण और 6 नए संयंत्रों की स्थापना का कार्य भी कर रही है। यह कदम न केवल तकनीकी दृष्टि से बल्कि सामाजिक कल्याण के दृष्टिकोण से भी ऐतिहासिक है।इस अवसर पर महाप्रबंधक (कल्याण एवं सेवाएं) श्री राजेश मोहन एवं बड़ी संख्या में कर्मचारी, ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि एवं कल्याण बोर्ड के सदस्य उपस्थित थे। उपस्थित कर्मचारियों और समुदाय के लोगों ने संयंत्र के पुनरुद्धार पर प्रसन्नता व्यक्त की। लंबे समय बाद उन्हें जल आपूर्ति की गुणवत्ता में वास्तविक सुधार महसूस हो रहा है, जिससे उनका सीसीएल के प्रति भरोसा और मजबूत हुआ है। यह पहल कर्मचारियों, उनके परिवारों एवं स्थानीय समुदाय के जीवन-स्तर को ऊँचा उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

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