पूर्वांचल को पृथक राज्य का दर्जा मिलना चाहिए – पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा

सोनभद्र। अलग पूर्वांचल राज्य की मांग कर रहे संगठन पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा की एक बैठक तहसील प्रांगण में अधिवक्ता भवन में दिन 11 बजे वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुआ, संचालन अधिवक्ता राजेश कुमार मौर्य ने किया। राष्ट्रीय महासचिव पवन कुमार सिंह एडवोकेट ने कहा कि आजादी के वक्त देश की जनसंख्या 36.10 करोड़ थी आज देश की आबादी 135 करोड़ से भी अधिक है जिसमें अकेले उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 23 करोड़ के लगभग है और उसमें पूर्वांचल की जनसंख्या करीब 9 करोड़ से अधिक है लेकिन जिस अनुपात से जनसंख्या बढ़ी उस हिसाब से संसाधन, रोजगार, सामाजिक विकास, समान अवसर और शासन का विकेंद्रीकरण नहीं हुआ जो कि होना चाहिए था इसलिए पूर्वांचल निवासियों के आशाओं के निमित्त पूर्वांचल प्रदेश का गठन कर भौगोलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक व राजनीतिक संरक्षण प्रदान किया जाए। राष्ट्रीय प्रवक्ता संदीप जायसवाल ने कहा कि पूर्वांचल के 28 जिले अति पिछड़े हुए है। यहां के युवाओं को रोजगार के लिए दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई और गुजरात की शरण लेनी पड़ रही हैं इसके बाद भी पूर्वांचल उपेक्षा का शिकार है। पलायन तभी रुकेगा जब अलग पूर्वांचल राज्य होगा, इसलिए  पूर्वांचल को पृथक राज्य का दर्जा मिलना चाहिए।  बैठक में कामता प्रसाद यादव, बीपी सिंह, काकू सिंह,रमेश चंद्र सिंह, मोइनुदिन शेख, सुधीर कुमार, नवीन पांडेय, संतोष चतुर्वेदी,श्याम शुक्ल आदि लोग उपस्थित रहे।

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