सोनभद्र। करीब 9 वर्ष पूर्व प्रताड़ना से क्षुब्ध होकर कुंती देवी द्वारा की गई आत्महत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसीध् सीएडब्लू, सोनभद्र अर्चना रानी की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी पति रामेश्वर को 7 वर्ष का कठोर कारावास व 11 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर दो माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक मृतका कुंती देवी के पिता कैलाश धरिकार पुत्र वासुदेव निवासी जरहा टोला धौरहवा , थाना बीजपुर, जिला सोनभद्र ने 20 अप्रैल 2016 को बीजपुर थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसने अपनी बेटी कुंती देवी की शादी करीब 10 वर्ष पूर्व रामेश्वर पुत्र सीताराम निवासी ग्राम जरहा टोला धौरहवा , थाना बीजपुर, जिला सोनभद्र के साथ किया था। बेटी कुंती को उसका पति रामेश्वर आए दिन प्रताड़ित करता रहता था, जिसकी वजह से क्षुब्ध होकर बेटी कुंती देवी ने 19 अप्रैल 2016 को सुबह सवा 7 बजे आग लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया, जिसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वह नहीं बच पाई उसकी मौत हो गई। रिपोर्ट दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई करें। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।
मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी पति रामेश्वर को 7 वर्ष की कठोर कैद व 11 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 2 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने बहस की।

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