उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने महाकुंभ को बताया ‘ऐतिहासिक सफलता’, कहा- सत्य की विजय सनातन का नियम

*महाकुंभ का भव्य समापन:*

लखनऊ/प्रयागराज : मकर संक्रांति से महाशिवरात्रि तक चले दिव्य और भव्य महाकुंभ का सफल समापन हो गया। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस ऐतिहासिक आयोजन को भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों और सनातन परंपराओं की सशक्तता का प्रमाण बताया है।उन्होंने कहा कि करोड़ों श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई, एक-दूसरे से कंधे से कंधा मिलाकर धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया, लेकिन किसी भी महामारी या अव्यवस्था का नामोनिशान तक नहीं दिखा। इससे यह सिद्ध होता है कि भारत की परम्पराएँ न केवल आध्यात्मिक, बल्कि वैज्ञानिक भी हैं।

श्री मौर्य ने यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि यह महाकुंभ इतिहास के सबसे सुव्यवस्थित आयोजनों में से एक रहा। उन्होंने संत समाज, श्रद्धालुओं, प्रयागराज के निवासियों और प्रदेशवासियों का आभार व्यक्त किया, जिनकी सहभागिता से यह आयोजन ऐतिहासिक रूप से सफल रहा। उन्होंने कहा करोड़ों लोगों ने आस्था के संगम में स्नान किया और कोई अव्यवस्था नहीं फैली।उपमुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक पहचान है। उन्होंने कहा कि जो लोग भारत की जड़ों से कटे हुए हैं, वही इससे भयभीत हैं, लेकिन सत्य की विजय सनातन का शाश्वत नियम है, और यह महाकुंभ उसी सत्य का जीवंत प्रमाण बनकर इतिहास में दर्ज हो गया।

श्री मौर्य ने अपने वक्तव्य में कहा है कि  महाकुंभ – 2025 में आये श्रृद्धालुओं  ने सनातन धर्म के आध्यात्मिक गौरव एवं वैभव का दर्शन करने के साथ ही डिजिटल महाकुंभ का भी अनुभव‌ किया, महाकुंभ – 2025 को हरियाली से भरा बनाने के लिए क्लीन के साथ-साथ ग्रीन कुंभ पर विशेष ध्यान दिया गया।महाकुम्भ, भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक चेतना का स्पंदन साबित हुआ। महाकुंभ ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत-समावेशी भारत’ की दिव्य और जीवंत झांकी बना। महकुम्भ, एक मेला अथवा स्नान की डुबकी मात्र न होकर, भारतवर्ष की अनेकता में एकता का शाश्वत और समेकित जय-घोष बना।

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