रायपुर/ हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, रायपुर (एचएनएलयू) ने अपने सेंटर फॉर डब्ल्यूटीओ एंड डब्ल्यूपीओ स्टडीज़, स्कूल ऑफ लॉ एंड टेक्नोलॉजी के माध्यम से, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत सेंटर फॉर ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट लॉ (CTIL), भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (IIFT) और इकोनॉमिक लॉज़ प्रैक्टिस (ELP) के सहयोग से 5 से 15 मई 2025 तक ‘सस्टेनेबल ट्रेड एंड एन्वायरमेंटल गवर्नेंस’ विषय पर आयोजित एक सप्ताह का इन्टरनैशनल सर्टिफिकेट प्रोग्राम कार्यक्रम का सफल आयोजन किया।
इस कार्यक्रम को वैश्विक स्तर पर अभूतपूर्व सहभागिता प्राप्त हुई, जिसमें अमेरिका और बेल्जियम जैसे देशों से प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों में 20% शिक्षाविद, 20% पेशेवर, 25% शोधार्थी और 35% छात्र शामिल थे, जिससे प्रतिभागियों का समूह अत्यंत विविधतापूर्ण रहा।
इस सप्ताहभर चलने वाले कार्यक्रम का शुभारंभ 5 मई 2025 को उद्घाटन समारोह के साथ हुआ, जिसमें प्रो. (डॉ.) जेम्स नेडुमपारा, प्रमुख, CTIL और श्री संजय नोतानी, सीनियर पार्टनर एवं प्रमुख, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और सीमा शुल्क प्रैक्टिस, ELP ने विशिष्ट अतिथियों के रूप में भाग लिया। एचएनएलयू के कुलपति एवं नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के संघ के अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) वी.सी. विवेकानंदन द्वारा दिए गए उद्घाटन उद्बोधन ने पूरे सप्ताह की चर्चाओं की वैचारिक रूपरेखा निर्धारित की।

सप्ताह भर चले संवादात्मक सत्रों में सतत व्यापार की मूल अवधारणाओं से लेकर ब्लू इकॉनॉमी और सतत उपभोग पद्धतियों जैसे विशेष क्षेत्रों पर विचार-विमर्श हुआ। इन सत्रों का संचालन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं आर्थिक विधि के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने किया, जिनमें शामिल थे:
- प्रो. अभिजीत दास (डब्ल्यूटीओ विशेषज्ञ) सुमंत चौधरी (प्रधान सलाहकार, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नीति प्रभाग, सीआईआई) अजय श्रीवास्तव (संस्थापक, ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव, नई दिल्ली)प्रो. मुकेश भटनागर (स्वतंत्र सलाहकार, मत्स्य अनुदान एवं व्यापार मामलों पर)सुश्री स्तुति तोशी (अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं निवेश अधिवक्ता, दिल्ली) सुश्री मन्या गुप्ता (फेलो, इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल इकनॉमिक लॉ, अमेरिका)
15 मई 2025 को आयोजित समापन समारोह में कुलपति प्रो. (डॉ.) वी.सी. विवेकानंदन ने अपने समापन उद्बोधन में यह दोहराया कि “वर्तमान युग में व्यापार केवल विकास का इंजन नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का साधन बन चुका है।” उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि व्यापार, कानून, नीति और शासन के भविष्य को आकार देने में अंतरविषयी, अंतरपीढ़ीय और अंतरराष्ट्रीय संवाद की अत्यंत आवश्यकता है।
समापन सत्र में अनुराग सहगल (मैनेजिंग डायरेक्टर, PW & Co. LLP) और सुश्री अमीता वर्मा दुग्गल (संस्थापक भागीदार, DGS Associates, दिल्ली) ने भी अपने व्यावहारिक अनुभवों के आधार पर विचार साझा किए और एचएनएलयू के इस अभिनव और सहयोगात्मक प्रयास की सराहना की। समारोह का समापन डॉ. अंकित अवस्थी, प्रमुख, सेंटर फॉर डब्ल्यूटीओ एंड डब्ल्यूपीओ स्टडीज़, एचएनएलयू, रायपुर द्वारा आभार ज्ञापन के साथ हुआ। यह आयोजन इस क्षेत्र में भविष्य में होने वाले कई और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों की एक प्रेरक शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।

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