सबल बेटियाँ, सुरक्षित भविष्य: ‘सबला’ आत्मरक्षा कार्यशाला का सफल समापन

  उत्क्रमित उच्च विद्यालय बसरिया की 150 छात्राओं ने सीखी आत्मरक्षा की कला

  हजारीबाग। “जहाँ नारी सशक्त होती है, वहाँ समाज मजबूत होता है।” इसी सोच के साथ एनटीपीसी केरेडारी कोयला खनन परियोजना द्वारा संचालित आत्मरक्षा कार्यशाला ‘सबला’ का आज भव्य समापन हुआ। एक महीने तक चली इस विशेष कार्यशाला में उत्क्रमित उच्च विद्यालय की 150 छात्राओं ने हिस्सा लिया और आत्मरक्षा के मूलभूत कौशल सीखे। इस पहल का उद्देश्य छात्राओं को आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और सजग बनाना था, ताकि वे दैनिक जीवन में आने वाले संभावित खतरों का डटकर सामना कर सकें।

कार्यशाला के समापन अवसर पर आयोजित समारोह में छात्राओं ने आत्मरक्षा में सीखे गए कौशलों का जीवंत प्रदर्शन किया, जिसे देखकर उपस्थित सभी अतिथि भावविभोर हो उठे। छात्राओं की दमदार प्रस्तुतियों ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह पहल केवल प्रशिक्षण नहीं, बल्कि सशक्तिकरण का उत्सव थी।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि रहे एनटीपीसी केरेडारी कोयला खनन परियोजना के परियोजना प्रमुख, श्री शिव प्रसाद, जिन्होंने सभी प्रतिभागी छात्राओं को प्रशंसा उपहार भेंट किए और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा,

सबला’ केवल एक कार्यशाला नहीं, बल्कि हमारी बेटियों को निर्भीक और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक छोटा किंतु महत्वपूर्ण कदम है। एनटीपीसी केरेडारी महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा के लिए सदैव प्रतिबद्ध रही है।”

इस मौके पर अन्य अतिथि में  एस.पी. गुप्ता ,  रोहित पाल  फैसल अहमद  मुख्य प्रशिक्षिका सुश्री प्रत्यक्षा प्रिया तथा विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री विजय कुमार उपस्थित थे। सभी अतिथियों ने कार्यशाला की सफलता पर आयोजकों को बधाई दी और छात्राओं की मेहनत व समर्पण की सराहना की।

मुख्य प्रशिक्षिका सुश्री प्रत्यक्षा प्रिया ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान छात्राओं ने न केवल आत्मरक्षा की तकनीकें सीखी, बल्कि उन्होंने मानसिक रूप से भी स्वयं को मजबूत बनाया।

“अब ये छात्राएँ केवल शारीरिक रूप से ही नहीं, मानसिक रूप से भी खतरे से जूझने के लिए तैयार हैं,” उन्होंने आत्मविश्वास से कहा।

उत्क्रमित उच्च विद्यालय के प्रधानाचार्य  विजय कुमार ने एनटीपीसी केरेडारी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की कार्यशालाएँ ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राओं को नई दिशा देती हैं और उनमें स्वाभिमान की भावना का संचार करती हैं।

” सबला ने बसरिया की बेटियों को एक नया विश्वास, एक नई पहचान दी है — सबल, सजग और सक्षम नारी का परिचय।

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