छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान से गर्भवती महिलाओं को मिल रही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं

*अभियान की सघन निगरानी हेतु आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं, सभी जिलों के कलेक्टर और स्वास्थ्य अधिकारी उतरे फील्ड में*

रायपुर, / प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के तहत राज्य की गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने हेतु निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में राज्य के समस्त जिलों में अभियान के तहत प्रत्येक माह की 9 और 24 तारीख को गर्भवती महिलाओं की जांच व उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं की पहचान की जा रही है।  इस दौरान गर्भवती महिलाओं की नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच, उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था (High Risk Pregnancy – HRP) की पहचान और समुचित प्रबंधन व चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है।

इस अभियान के प्रभावस्वरूप छत्तीसगढ़ में मातृ मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2004-06 में राज्य का मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) 335 प्रति एक लाख जीवित जन्म था, जो अब घटकर 132 पर आ गया है। हालांकि यह आंकड़ा अभी भी राष्ट्रीय औसत (93) से अधिक है, जिसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने इस दिशा में और अधिक ठोस और योजनाबद्ध प्रयासों की रूपरेखा तैयार की है।

जिलों से प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के अंतर्गत कुल 800 से अधिक सत्रों का सफल आयोजन किया गया। इन सत्रों में से 360 PMSMA सत्रों की निगरानी राज्य तथा जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा प्रभावी रूप से की गई तथा आयोजित सत्रों के दौरान लगभग 30 हज़ार गर्भवती महिलाओं ने मातृ स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्राप्त किया। इनमें से लगभग 9000 से अधिक महिलाएं उच्च जोखिम गर्भावस्था (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) की श्रेणी में चिन्हित की गईं, जिन्हें विशेष चिकित्सकिया देखभाल प्रदान किया गया ।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा, “हर गर्भवती महिला को सुरक्षित मातृत्व का अधिकार है, और प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान इस दिशा में एक सशक्त एवं प्रभावी कदम है। राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है कि छत्तीसगढ़ की हर महिला को सुरक्षित प्रसव की सुविधा मिले।”

अभियान की सघन निगरानी सुनिश्चित करने हेतु सभी जिला कलेक्टरों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे प्रत्येक अस्पताल की गुणवत्ता की निगरानी करें और यह सुनिश्चित करें कि सभी गर्भवती महिलाओं को समय पर समुचित सेवाएं प्राप्त हों। छत्तीसगढ़ सरकार मातृत्व स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए इस अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कटिबद्ध है।

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