कोन वन रेंज में माफियाओं का कहर,लोगों ने किया वन विभाग के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन

सोनभद्र । ओबरा वन प्रभाग के वन रेंज कोन  अन्तर्गत सम्पूर्ण  सेक्सन में वन भूमि पर कब्जा व पेड़ों की  कटान  बदस्तूर जारी है।  इसी क्रम में बताते चलें कि बागेसोती बीट के झारखंड अंतर्राज्यीय सीमा पर झारखंड वासियों द्वारा उत्तर प्रदेश के सीमा के अंदर लगभग 70 मीटर आकर घर तक बना लिया गया है और वहीं  खोहिया जंगल, बड़ाप् के ललुआखोह, बेवरा(बरवाहीखोली)अचरज( हड़वरिया) टेवना (घटवारिया) भालुकूदर् के धरनवा बॉर्डर,कोन के मिश्री,डोमा,चांचीकलां, नरहटी,हर्रा के पडरक्ष आदि जगहों पर बड़े पैमाने पर  पेडों को कटान करके वन भूमि पर कब्जा किया जा चुका है और वहीं दूसरी ओर क्षेत्रों में अबैध खनन व बालू परिवहन धड़ल्ले से चल रहा है। जिसकी शिकायत स्थानीय लोगों द्वारा कई बार संबंधित अधिकारियों से किया जा चुका है किन्तु संबंधित विभाग द्वारा फर्जी कागजी कोरम पूरा करने का सिलसिला अन्वरत जारी है। जिससे क्षुब्ध होकर आज तड़के बरवाहीखोली,हड़वरिया, घटवारिया  में स्थानीय लोगों ने कैलास राम भारती  की अगुवाई में वन विभाग के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर नारेबाजी करते हुए कहा कि वन विभाग की अफसरशाही  नहीं  चलेगी ,नहीं चलेगी, वन विभाग की मनमानी नहीं चलेगी,नहीं चलेगी, जंगल की भूमि खाली कराओ ,खाली  कराओ,जंगल में पेड़ों की रक्षा करो, फ़र्जी रिपोर्ट लगाना बंद करो, बंद करो, अबैध खनन पर रोक लगाओ,रोक लगाओ,वन विभाग होश में आओ, होश में आओ, जैसे नारे लगाए गये और कार्रवाई न होने की दशा में आंदोलन करने की बातें कही। जिसके क्रम में वन विभाग से नाराज ग्रामीणों ने कहा कि कोन वन रेंज के अधिकारियों व कर्मचारियों की अफसरशाही इस कदर बढ़ गई है कि क्षेत्र में कोई भी कर्मचारी गस्त नहीं करता और वहीं स्थानीय वन चौकी वीरान पड़ा है। शिकायत करने पर इनके द्वारा कार्यवाही का आश्वासन देकर सिर्फ फर्जी  खानापूर्ति  किया जाता है। जिससे अबैध खननकर्ताओं व भू  माफियाओं के हौसलें बुलंद हैं और वहीं  संबंधित विभाग राजस्व विभाग को पत्राचार कर अपने कर्तब्य की इतिश्री कर लेता है और राजस्व विभाग द्वारा समयाभाव  के कारण टाल दिया जाता है जो  सोचनीय  है।बतातें चलें कि इन दिनों कोन वन रेंज  माफियाओं के गिरफ्त में है जिससे साफ तौर पर वन  क्षेत्रों में घर तक देखा  जा सकता है। ऐसा प्रतीत होता है कि वन विभाग द्वारा मौन सहमति देते हुए वन माफियाओं को खुली छूट दे रखी है। जिसके क्रम में कई बार स्थानीय समाचार पत्रों व न्यूज चैनल में खबर प्रकाशित भी हुआ है फिर भी  वन विभाग मुकदर्शक् बनकर  तमाशबिन बना हुआ है।  प्रदर्शन करने  वालों में  वरिष्ठ समाजसेवी  रामचंद्र सिंह,  वन समिति अध्यक्ष  कचनरवा  बिहारी प्रसाद यादव  ,भाजपा बूथ अध्यक्ष कचनरवा कैलास राम भारती , रघुवर पासवान, सुदर्शन पनिका, रामअधीन व राम खेलावन  यादव,सतन खरवार, विजेंद्र भारती, अजय भारती, मैकू  भारती आदि लोग शामिल रहे।  जिसके क्रम में लोगों ने बताया कि  वन  रेंज कोन के  कोन, बागेसोती ,भालुकूदर, हर्रा में वन भूमि पर अबैध कब्जा करना जारी है वहीं विभाग कार्यवाही के नाम पर शिकायत कर्ताओं से लिखित शिकायत करने की बात कर पल्ला झाड़ लेते हैं ।जब  लिखित शिकायत की जाती है तो संबंधित जाँच अधिकारी द्वारा घर बैठे बैठे  या किसी को विना सूचना दिये जी पी एस मैप के द्वारा खानापूर्ति करते हुए माफियाओं के बचाव पक्ष  में  फर्जी जाँच आख्या लगा दी जाती है। इसी क्रम में पर्यावरणविदों  ने  जंगलों में पेड़ों की  अंधाधुंध अबैध कटान व नदियों में अबैध बालू खनन और बोल्डर खनन को लेकर चिंता ब्यक्त किया है।आखिर सबसे बड़ा सवाल उठता है कि  संबंधित विभाग इन माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं करता, जबकि भ्रष्टाचार के मामले में प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि प्रदेश सरकार माफियाओं को मिट्टी में मिलाने के  कटिबद्ध है। वहीं दूसरी तरफ कुछ जानकारों का कहना है कि प्रदेश के  मुखिया का जीरो टालरेंस की नीति को वन कर्मियों व  माफियाओं  द्वारा सरेयाम  ठेंगा दिखाया जा रहा है।इस बावत वन क्षेत्राधिकारी कोन से सेल फोन पर सम्पर्क किया गया लेकिन कॉल रीसिव नहीं हुआ।बहरहाल प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा इस मामले में कौन सा  कार्यवाही किया जायेगा यह तो वक़्त ही बतायेगा या कागजों में ही  सिमट कर रह जायेगा।

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