बीसीसीएल के लोदना क्षेत्र में 750 टीपीएच क्षमता वाले दो क्रशर मशीनों का उद्घाटन

धनबाद, / देश की अग्रणी कोकिंग कोयला उत्पादक कंपनी, भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) अपनी संचालन क्षमता को लगातार बढ़ा रही है। आधुनिकीकरण और ग्राहकों की संतुष्टि को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, बीसीसीएल के लोदना क्षेत्र के 09 नंबर साइडिंग में दो उच्च क्षमता वाले क्रशर मशीनें, जिनकी प्रति घंटे कोयला प्रसंस्करण क्षमता 750 टन (टीपीएच) है, स्थापित की गई हैं। इस विस्तार के साथ, लोदना क्षेत्र की कुल कोयला क्रशिंग क्षमता 70,000 टीपीएच तक पहुंच गई है। 

आज इन नई क्रशर मशीनों का उद्घाटन बीसीसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) समीरन दत्ता द्वारा किया गया। इस अवसर पर निदेशक (एचआर)  मुरली कृष्ण रमैया, निदेशक (तकनीकी-संचालन)  संजय कुमार सिंह, एवं निदेशक (तकनीकी-योजना एवं परियोजना)  मनोज कुमार अग्रवाल भी उपस्थित रहे। साथ ही, लोदना क्षेत्र की पूरी टीम साथ क्षेत्रीय महाप्रबंधक निखिल त्रिवेदी एवं उपस्थित थे।

 उद्घाटन समारोह के दौरान, सीएमडी  समीरन दत्ता ने बीसीसीएल की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि कंपनी अपने बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण एवं संचालन क्षमता को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक मशीनरी का उपयोग कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बीसीसीएल, भारत की औद्योगिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले क्षेत्रों को उच्च गुणवत्ता वाला कोकिंग कोयला उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।  उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये नवीनतम क्रशर ‘मेड इन इंडिया’ पहल के तहत एक स्वदेशी निर्माता से खरीदे गए हैं, जो माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत अभियान की परिकल्पना को सशक्त बनाता है। 

सीएमडी  दत्ता ने कोयला मंत्रालय एवं कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) को इस परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा करने में मिले निरंतर मार्गदर्शन और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने माननीय कोयला मंत्री एवं कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष के मार्गदर्शन और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।

इन उच्च क्षमता वाले क्रशर मशीनों की स्थापना बीसीसीएल के कोयला प्रबंधन प्रणाली को और अधिक कुशल बनाने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह न केवल कोयला परिवहन और प्रबंधन प्रणाली को बेहतर बनाएगा, बल्कि अपव्यय को कम करने के साथ-साथ स्टील और ऊर्जा क्षेत्र जैसी प्रमुख राष्ट्रीय बुनियादी संरचनाओं को कोयले की निर्बाध आपूर्ति भी सुनिश्चित करेगा। इस नई उपलब्धि के साथ, बीसीसीएल एक आत्मनिर्भर और सतत कोयला पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। 

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