एनटीपीसी सिंगरौली में सात दिवसीय बिरजू महाराज कथक संस्थान द्वारा नृत्य कार्यशाला का हुआ समापन

सोनभद्र । एनटीपीसी सिंगरौली में  4 जून 2025 को कथक नृत्य कार्यशाला का समापन समारोह आयोजित किया गया। जिसमें कथक प्रशिक्षक, डॉ रंजना उपाध्याय, सहायक आचार्या, कथक नृत्य, बी.एच.यू, ने बीते 29 मई 2025 से स्थानीय वनिता समाज की सदस्याओं, बाल भवन के बच्चों तथा एनटीपीसी सिंगरौली के सीएसआर योजना द्वारा संचालित बालिका सशक्तिकरण अभियान 2025 की बालिकाओं को साप्ताहिक कथक नृत्य का प्रशिक्षण दिया। 

इस संदर्भ में स्थानीय कर्मचारी विकास केंद्र के सरस्वती सभागार में वनिता समाज की सदस्याओं, बाल भवन के बच्चों तथा जेम – 2025 की बालिकाओं द्वारा साप्ताहिक कार्यशाला में सीखे गए कथक नृत्य का प्रस्तुतिकरण किया गया। 

जिसमें सबसे पूर्व में कथक नृत्य संस्कृति के अनुसार नमस्कार मुद्रा, गुरु वंदना, तत्कार व नमन मुद्रा से नृत्य का शुभारंभ किया गया तत्पश्चात् “यमुना के तट पर नाचत कन्हैय्या“ के कवित्त बोलों पर सभी प्रतिभागियों द्वारा एक ताल में सुंदर नृत्य प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति जेम – 2025 की बालिकाओं द्वारा “श्री राम स्तुति” से की गयी, जिसने सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों को भावुक कर दिया। 

इस संदर्भ में डॉ रंजना उपाध्याय ने अपने सम्बोधन में सभी प्रतिभागियों की प्रशंसा करते हुए कहा की, “शास्त्रीय संगीत की कथक नृत्य विद्या में पैर और हाथ के साथ आपसी समन्वय स्थापित करना पड़ता है, जिसमें काफी धैर्य और एकाग्रता की जरूरत पड़ती है। जिसे इतने कम समय में सभी प्रतिभागियों ने बख़ूबी से निभाया।“

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि बतौर श्रीमती पीयूषा अकोटकर, अध्यक्षा, वनिता समाज ने डॉ रंजना उपाध्याय एवं उनकी टीम का धन्यवाद ज्ञापन किया तथा सभी जेम – 2025 की बालिकाओं, को इन दिनों सीखे हुए कथक नृत्य का नियमित अभ्यास करने की सलाह दी।

कार्यक्रम के अंत में डॉ ओम प्रकाश, उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन) ने संस्कृति विभाग (उत्तर प्रदेश) , बिरजू महाराज कथक संस्थान (लखनऊ), स्थानीय वनिता समाज, शक्तिनगर, जेम – 2025 के अध्यापिकाओं के सहयोग एवं मार्गदर्शन हेतु धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा की, “हमारी भारतीय संस्कृति तथा इसके पीछे के रहस्य तथा ज्ञान वैश्विक स्तर पर सबसे उच्च रहे हैं, जिस पर हम सभी को गर्व है। इस प्रकार के कार्यक्रम के माध्यम से इन नन्हें मुन्हें बच्चों में इस शास्त्रीय संगीत विद्या के बीज को बोना हमारे समाज में अच्छे विचारों तथा संस्कारों के परिवेश को निमंत्रण देता है, जिस हेतु एनटीपीसी सिंगरौली हमेशा से तथा आगे भी ऐसे कार्यक्रमों को आयोजित करता रहेगा।“   

इस कार्यक्रम में एनटीपीसी सिंगरौली के अन्य विभागों के कर्मचारी गण, स्थानीय विद्यालयों के प्राचार्यगण आदि भी उपस्थित रहे।

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