मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कांकेर में बुढालपेन करसाड़ एवं मांदरी महोत्सव में हुए शामिल

भानुप्रतापपुर और दुर्गकोंदल में गोंडवाना सामाजिक भवन के लिए 25-25 लाख रूपए की घोषणा

एक पेड़ मां के नाम” अभियान में सहभागिता की अपील

रायपुर, / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज कांकेर जिले के संबलपुर हाई स्कूल कराठी में आयोजित दो दिवसीय बुढालपेन करसाड़ एवं मांदरी महोत्सव 2025 के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। यह महोत्सव क्षेत्र की पारंपरिक आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को सहेजने का महत्वपूर्ण आयोजन है।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर आदिवासी समाज के आराध्य देव बूढ़ादेव की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि यह उत्सव हमारे पूर्वजों की परंपरा और सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है, जो नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का माध्यम है। मुख्यमंत्री ने आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि आज विश्व पर्यावरण दिवस भी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए जा रहे “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के अंतर्गत उन्होंने सभी लोगों से अपनी माता के नाम पर एक पेड़ लगाने की अपील की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में भानुप्रतापपुर और दुर्गुकोंदल में गोंडवाना समाज के भवन निर्माण के लिए 25-25 लाख रुपये, गोंडवाना समाज के 12 परगना में शेड निर्माण के लिए 10-10 लाख रुपये, 5 सर्कल में शेड निर्माण के लिए 5-5 लाख रुपये, ग्राम पंचायत संबलपुर के भवन निर्माण की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने जिले के पांच टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों को भी सम्मानित किया। कार्यक्रम को कांकेर सांसद भोजराज नाग, अंतागढ़ विधायक विक्रमदेव उसेंडी, भानुप्रतापपुर विधायक श्रीमती सावित्री मंडावी और कांकेर विधायक आशाराम नेताम ने भी संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने इस आयोजन को आदिवासी संस्कृति को जीवित रखने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास बताया। महोत्सव में गोंडवाना समाज समन्वय समिति भानुप्रतापपुर के अध्यक्ष हरीश चंद्र कावड़े की अध्यक्षता में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति हुई। पारंपरिक वेशभूषा में सजे युवक-युवतियों ने लोकनृत्य की शानदार प्रस्तुतियां दीं, जिससे पूरा परिसर उत्सव के रंग में रंग गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती किरण नरेटी, मत्स्य कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष भरत मटियारा, पूर्व सांसदमोहन मंडावी, पूर्व विधायक देवलाल दुग्गा एवं श्रीमती सुमित्रा मारकोले, वरिष्ठ अधिकारीगण, बड़ी संख्या में ग्रामीणजन, जनप्रतिनिधिगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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