टी.बी. लाइलाज नहीं बल्कि सही समय पर इलाज शुरू करने से यह पूरी तरह ठीक हो सकता है – डॉ. हर्ष वर्धन अग्रवाल

टी.बी. जागरूकता अभियान के तहत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट और उत्तर प्रदेश टी.बी. एसोसिएशन का संयुक्त प्रयास

लखनऊ, | भारत सरकार के “टी.बी. मुक्त भारत” अभियान को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट एवं उत्तर प्रदेश टी.बी. एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में दो जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

पहला कार्यक्रम लेबर अड्डा, सेक्टर-सी, इंदिरा नगर में आयोजित किया गया, जहाँ ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ. हर्ष वर्धन अग्रवाल ने लगभग 70 दिहाड़ी मजदूरों को टी.बी. के लक्षण, रोकथाम और उपचार के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि टी.बी. लाइलाज नहीं है, बल्कि सही समय पर इलाज शुरू करने से यह पूरी तरह ठीक हो सकती है। उन्होंने मजदूर वर्ग से आग्रह किया कि यदि खांसी, बुखार, वजन में गिरावट या कमजोरी जैसी समस्याएँ लंबे समय तक बनी रहें, तो तत्काल जाँच कराएँ।

डॉ. अग्रवाल ने यह भी बताया कि सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में टी.बी. का इलाज पूरी तरह निःशुल्क उपलब्ध है और इसके लिए डॉट्स पद्धति का उपयोग किया जाता है। कार्यक्रम के अंत में सभी मजदूरों को जलपान वितरित किया गया।

दूसरा कार्यक्रम गोमती नगर स्थित शहीद पथ के नीचे, भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज रोड पर हुआ, जहाँ “क्षय रोग: जानकारी ही बचाव है” नामक नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। यह नाटक Tuberculosis Association of India की मुहिम Action Against Stigma के तहत आयोजित किया गया था।

रंगकर्मी विपिन कुमार के निर्देशन में रामनरेश, शिवम वर्मा, कमलेश भारती सहित अन्य कलाकारों ने प्रस्तुति दी। नाटक के माध्यम से बताया गया कि टी.बी. एक संक्रामक रोग है, जो संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींक से फैलता है, लेकिन इसका समय पर इलाज हो सकता है।

कहानी में दिखाया गया कि कैसे एक राज्य में खुशी के बीच एक गायक को खांसी आने लगती है। राजा जब कारण पूछता है, तो उसे पता चलता है कि यह टी.बी. के लक्षण हैं। राजा का मंत्री समझाता है कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क जाँच और इलाज की व्यवस्था उपलब्ध है, साथ ही मरीज़ को अच्छे पोषण के लिए ₹1000 प्रतिमाह आर्थिक सहायता भी दी जाती है।

इस नुक्कड़ नाटक ने टी.बी. से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने और जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसमें हेल्प यू ट्रस्ट के स्वयंसेवक और बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।

टी.बी. से बचाव के लिए सुझाव:

  1. इलाज अधूरा न छोड़ें – पूरी दवा समय पर लें।
  2. स्वच्छता का ध्यान रखें – खांसते या छींकते समय मुंह को ढकें।
  3. लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
  4. नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं, खासकर यदि खांसी या बुखार लंबे समय से हो।

हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट और उत्तर प्रदेश टी.बी. एसोसिएशन के इस संयुक्त प्रयास ने टी.बी. के प्रति जागरूकता फैलाने और लोगों को इसके प्रति सचेत करने का कार्य किया। ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ. हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी से आह्वान किया कि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी पूंजी है और एक स्वस्थ समाज ही सशक्त राष्ट्र की नींव रख सकता है।

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