आर्टिफिसियल इन्टेलिजेंस और डिजिटल लोक प्रशासन प्रभावित परिवेश में प्रशासनिक नेतृत्व विषय पर परिचर्चा आयोजित

भारतीय लोक प्रशासन संस्थान छत्तीसगढ़ शाखा, रायपुर द्वारा न्यू सर्किट हाउस, सिविल लाईन्स रायपुर में  आयोजित हुआ परिचर्चा

रायपुर, / भारतीय लोक प्रशासन संस्थान छत्तीसगढ़ शाखा के द्वारा  आज यहाँ सिविल लाइन स्थित न्यू सर्किट हाउस में श्री सुयोग्य मिश्रा, पूर्व मुख्य सचिव की अध्यक्षता में  भारतीय प्रशासनिक सेवा अन्य अखिल भारतीय सेवा के सेवानिवृत्त व अन्य वरिष्ठ सदस्यों की एक बैठक तथा राज्य में स्थित एमिटि विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ० पियूष कान्त पाण्डेय का व्याख्यान व परिचर्चा आयोजित किया गया। सर्वप्रथम श्री सुयोग्य मिश्रा ने पुष्पगुच्छ से मुख्य वक्ता का स्वागत किया।

डॉ० पियूष ने वर्तमान परिवेश में देश में आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस की तकनीकि के उपयोग को राज्य के प्रशासनिक नेतृत्व हेतु अपरिहार्य बताया और कहा कि इसके उपयोग में यह ध्यान रखा जाना आवश्यक होगा कि मानवीय संवेदनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना इस संसाधन का समन्वित उपयोग किया जाना संभव नहीं होगा। विज्ञान की यह तकनीक एक अवसर व एक चुनौती समाज के सम्मुख लेकर आयी है। जहाँ एक ओर यह तकनीक शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि सेक्टर के विकास संबंधित प्रशासनिक अड़चनों के सटीक व सामयिक समाधान के अवसर को प्रभावी सरल व मितव्ययी बना सकती है वही यह व्यक्तिगत जानकारियों संवेदनशील ऑकड़ो की सुरक्षा व सदुपयोग इस तकनीक तक सामान्य जनों की आसान पहुँच सुनिश्चित किये जाने, इसे समावेशी बनाये जाने जैसी चुनौतियों भी प्रस्तुत करती है। उल्लेखित व्याख्यान में वक्ता, प्रतिभागियों में चर्चा को जीवंत बनाते हुये बहुत से मानवोपयोगी प्रश्नों पर वस्तु स्थिति को और स्पष्ट कर सकने में सफल हो सके और इस विवादित तकनीक को मानवोपयोगी निरुपित करने के संबंध में सफल रहे। परंतु इस तकनीक की चुनौतियों के प्रति सबको जागरुक करने तथा मेधा व सावधानी से तकनीकि को उपयोग करने पर ही इसके नियंत्रित व सफल उपयोग संभव होने के तथ्य से भी उन्होंने प्रतिभागियों को अवगत कराया। यह भी बात सामने आयी कि नीति निर्माताओं, नेतृत्व कर्ताओं के द्वारा इस तकनीकि संबंधित नवाचार, अन्वेषण व अनुसंधान को ठोस आधार व पर्याप्त गति दिये बिना तकनीकि का अपेक्षित व पूर्ण सामयिक लाभ प्राप्त नहीं हो सकेगा। आगे आने वाली पीढ़ी को भी विकास की अपेक्षित गति बनाये रखने के योग्य बनाये रखकर ही समुचित स्थान व सम्मान दिलाते हुये देश व समाज को अपेक्षानुसार लाभान्वित किया जाना संभव हो सकेगा । कार्यक्रम के अंत में संस्था के सदस्य सचिव अनुप श्रीवास्तव ने मुख्य वक्ता व सभी उपस्थित अधिकारियों व प्रतिभागी प्रबुद्ध जनों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार व्यक्त किया।

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