डॉ० विजयानन्द को राजस्थान का कोहिनूर सम्मान

मनोज पांडेय 

प्रयागराज। हिंदी के सुपरिचित साहित्यकार डॉ०विजयानन्द को उनकी दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए राजस्थान के कबीर कोहिनूर सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। 11 जुलाई 2025 को राजस्थान के नागौर जिले के बड़े खाटू स्टेशन के सामने बृहद सम्मान समारोह आयोजित होगा। यह जानकारी कबीर कोहिनूर सम्मान के संयोजक अभिषेक कुमार और व्यवस्थापक गुगालिया ने संयुक्त रूप से दी है। ज्ञात हो कि अभी हाल में उन्हें मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी का एक लाख रुपए का अखिल भारतीय कविता पुरस्कार तथा हिंदुस्तानी एकेडेमी प्रयागराज का दो लाख रुपए का भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान 2019 में प्राप्त हो चुका है। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान सहित कई सरकारी ,गैर सरकारी संस्थाएं उन्हें सम्मानित और पुरस्कृत कर चुकी हैं।

वैश्विक हिंदी महासभा, अखिल भारतीय हिंदी परिषद, भारत के लगभग सभी प्रांतों के पदाधिकारियों तथा प्रयागराज के बुद्धिजीवियों ने उन्हें इस सम्मान के लिए बधाई दी है। डॉ० विजयानन्द विभिन्न संस्थाओं में सचिव, महामंत्री, निदेशक-रिसर्च फाउंडेशन, सं.इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्तविश्वविद्यालय, नई दिल्ली, अध्यक्ष- अखिल भारतीय साहित्य परिषद, प्रयागराज, अध्यक्ष-काशी प्रांत, राष्ट्रीय अध्यक्ष-विश्व हिंदी महासभा, नई दिल्ली जैसे पदों पर कार्य कर चुके हैं तथा हिन्दी साहित्य की लगभग सभी विधाओं में 54 मौलिक, अनुदित,संपादित कुल 85 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने ‘ वैश्विक साहित्य ‘ त्रैमासिक का लगभग १० वर्षों तक लगातार संपादन किया है। अमेरिका के रामकाव्य पीयूष, कृष्णकाव्य पीयूष सहित, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जापान सिंगापुर, मारीशस, मलेशिया, फिजी आदि अनेक देशों के काव्य संग्रहों,पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाएं प्रकाशित होती रही हैं। 

भारत के कई विश्वविद्यालयों में उनके साहित्य पर एम०फिल, पीएचडी का शोध कार्य हो चुका/ चल रहा है। वे अमेरिकन रिसर्च इंस्टीट्यूट के दो बार सलाहकार रहे। भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार सहित, देश-विदेश की अनेक संस्थाओं द्वारा अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘ हरिऔध ‘ पुरस्कार (मऊ,आजमगढ़), शकुंतला सिरोठिया बाल साहित्य पुरस्कार (इलाहाबाद), सूचना प्रसारण मंत्रालय,भारत सरकार का सम्मान,मोहन राकेश नाटक पुरस्कार ,बाल साहित्य सम्मान ( उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ ), हिंदी अकादमी, मुंबई का शिक्षारत्न सम्मान, अखिल भारतीय साहित्य परिषद, अखिल भारतीय हिंदी महासभा, कर्नाटक, विश्व हिंदी महासभा, राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, विधानसभा, लखनऊ का पराग पुरस्कार, सयुक्तराष्ट्र विश्वविद्यालय, जापान, नेपाल सरकार आदि सहित कई दर्जन सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। सन् 2001 में अमेरिकन बायोग्राफिकल इंस्टीट्यूट ने इन्हें अपने रिसर्च बोर्ड का सलाहकार बनाया था। जिस पद पर रहकर इन्होंने कई वर्षों तक सराहनीय कार्य किया है। वर्तमान में वे वैश्विक हिंदी महासभा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

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