विदेशी आक्रान्ताओं का महिमामण्डन बन्द होना चाहिए और राष्ट्रनायकों का सम्मान होना चाहिए – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने बहराइच में महाराजा सुहेलदेव स्मारक का लोकार्पण तथा महाराजा सुहेलदेव की 40 फीट ऊंची नवीन प्रतिमा का अनावरण किया

1,243 करोड़ रु0 से अधिक लागत की 384 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज से लगभग 1,000 वर्ष पूर्व महाराजा सुहेलदेव ने विदेशी आक्रान्ताओं को जवाब देकर मिसाल प्रस्तुत की, लेकिन उन्हें इतिहास में जो सम्मान मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के संकल्प के अनुरूप राष्ट्रनायकों के सम्मान के लिए डबल इंजन सरकार ने महाराजा सुहेलदेव का भव्य स्मारक बनाया है।
मुख्यमंत्री आज चित्तौरा, जनपद बहराइच में चक्रवर्ती सम्राट राष्ट्रवीर महाराजा सुहेलदेव के विजय दिवस पर महाराजा सुहेलदेव स्मारक के लोकार्पण तथा स्मारक परिसर में महाराजा सुहेलदेव की 40 फीट ऊंची नवीन प्रतिमा का अनावरण करने के बाद इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने स्मारक परिसर में कराए गए विकास कार्यों का अवलोकन किया तथा महाराजा सुहेलदेव की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने 1,243 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 384 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें 511.82 करोड़ रुपये लागत की 272 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 731.54 करोड़ रुपये लागत की 112 परियोजनाओं का शिलान्यास शामिल है। उन्होंने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत युवा उद्यमियों को हल्दी प्रोसेसिंग हेतु प्रतीकात्मक चेक प्रदान किये तथा बच्चों का सुहेलदेव जी के नाम पर नामकरण एवं अन्नप्राशन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेशी आक्रान्ताओं का महिमामण्डन बन्द होना चाहिए और राष्ट्रनायकों का सम्मान होना चाहिए। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार विरासत एवं विकास के अभियान को आगे बढ़ाते हुए चित्तौरा में यह कार्यक्रम सम्पन्न कर रही है। यह कार्यक्रम महापुरुषों के प्रति सम्मान की एक अभिव्यक्ति है। बहराइच के मेडिकल कॉलेज का नाम महाराजा सुहेलदेव के नाम पर तथा सम्बन्धित चिकित्सालय का नाम महाराजा सुहेलदेव के गुरु बालार्क ऋषि के नाम पर रखा गया है। प्रदेश सरकार द्वारा जनपद आजमगढ़ में स्थापित राज्य विश्वविद्यालय का नामकरण भी महाराजा सुहेलदेव के नाम पर किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के नाम से केवड़िया, गुजरात में लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा की स्थापना करायी है। महाराजा सुहेलदेव के विजय उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। अब बहराइच में महाराजा सुहेलदेव और बालार्क ऋषि के नाम पर आयोजन होगा। इस मण्डल का प्रमुख आयोजन आदि शक्ति माँ पाटेश्वरी के नाम पर होगा। महाराजा सुहेलदेव प्रतिदिन मां पाटेश्वरी देवी के दर्शन के लिए जाया करते थे।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम बहराइच में महाराजा सुहेलदेव के भव्य स्मारक की भांति लखनऊ में महाराजा बिजली पासी का भव्य स्मारक बनाने जा रहे हैं। महाराजा बिजली पासी ने विदेशी आक्रान्ताओं के साथ युद्ध करते हुए उन्हें धूल धूसरित करने का कार्य किया था। 1857 की क्रान्ति में चार वीरांगनाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया था। महारानी लक्ष्मीबाई, वीरांगना अवंतीबाई, वीरांगना झलकारी बाई और वीरांगना ऊदादेवी ने अंग्रेजों के दांत खट्टे किए थे। महारानी लक्ष्मीबाई के नाम पर झांसी के विश्वविद्यालय एवं मेडिकल कॉलेज का नामकरण किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वीरांगना अवंतीबाई लोधी के नाम पर डबल इंजन सरकार ने बदायूं में महिला पी0ए0सी0 बटालियन का गठन किया है। प्रदेश सरकार वहां महारानी अवंतीबाई की बड़ी अश्वारोही प्रतिमा लगाने जा रही है। वीरांगना ऊदादेवी के नाम पर लखनऊ में महिला पी0ए0सी0  बटालियन के गठन की कार्यवाही चल रही है। इसका लगभग 35 से 40 प्रतिशत कार्य हो चुका है। वीरांगना ऊदादेवी पासी की एक भव्य प्रतिमा की स्थापना भी लखनऊ में करने जा रहे हैं। वीरांगना झलकारीबाई के नाम पर महिला पी0ए0सी0 का गठन गोरखपुर में किया जा रहा है। वीरांगना झलकारीबाई के नाम पर वहां पर एक भव्य प्रतिमा की स्थापना भी प्रदेश सरकार करने जा रही है। कार्यक्रम को कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पंचायतीराज मंत्री ओम प्रकाश राजभर, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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