राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय और सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित बाल रंगमंच कार्यशाला का उद्घाटन

राउरकेला। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) और सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक महीने की बाल रंगमंच कार्यशाला इस्पात अंग्रेजी  माध्यम विद्यालय, राउरकेला के सभागार में शुरू हुई। कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन),  आरएसपी, तरुण मिश्र, उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि थे। मुख्य महाप्रबंधक (नगर सेवाएँ एवं सीएसआर),  टी जी कानेकर सम्मानित अतिथि थे। मंचासीन विशिष्ट अथितियों में सुप्रसिद्ध रंगमंच हस्तियाँ, प्रोफेसर डॉ. समर मुदली, एकत्र सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन के अध्यक्ष  राजीब पाणि, आरएसपी की महाप्रबंधक (जन संपर्क) एवं संचार मुख्य, सुश्री अर्चना सत्पथी, एनएसडी के पूर्व छात्र और कार्यशाला के निदेशक, जगन्नाथ सेठ और एनएसडी के स्थानीय समन्वयक, भास्कर महापात्र शामिल थे। 

सभा को संबोधित करते हुए,  मिश्र ने बच्चों और युवाओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली रंगमंच  कार्यशाला आयोजित करने में आयोजकों की सराहनीय प्रयासों के लिए प्रशंसा की। उन्होंने इस तरह के रचनात्मक कार्यों में एक मार्गदर्शक शक्ति के रूप में जुनून की भूमिका पर जोर दिया, इसे एक जीवन कोच की तरह बताया जो मूल्यवान जीवन जीने की कला सिखाता है। 

श्री टी जी कानेकर ने युवा रंगमंच उत्साही लोगों को इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशालाओं में शामिल होने से न केवल किसी का जीवन-कार्यवृत्त (रिज्यूमे) बेहतर होता है, बल्कि समग्र व्यक्तित्व विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

प्रो. मुदाली ने आरएसपी के लंबे समय से जुड़े होने और रंगमंच के लिए निरंतर समर्थन की सराहना की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस तरह की बच्चों की कार्यशालाएँ छात्रों की अभिव्यक्ति और वाकशैली कौशल को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, साथ ही रचनात्मक सोच, आत्मविश्वास को बढ़ावा देती हैं और अनुशासन, सहयोग और सामाजिक सहानुभूति जैसे मूल मूल्यों को भी बढ़ावा देती हैं। 

श्री राजीब पाणि ने टिप्पणी की कि इस बाल कार्यशाला के शुभारंभ ने रंगमंच समुदाय को मजबूत और व्यापक बनाया है। उन्होंने नाटक को अभिव्यक्ति का एक शक्तिशाली माध्यम बताया – जो अभिसारी और रचनात्मक सोच को बढ़ावा देते हुए भावनाओं को व्यक्त करता है। 

इस अवसर पर बोलते हुए, श्री जगन्नाथ सेठ ने कार्यशाला के आयोजन में प्राप्त सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने गैर-रंपरिक क्षेत्रों में सफल करियर का मार्ग प्रशस्त करने में नाट्य स्कूलों की बढ़ती क्षमता पर प्रकाश डाला। 

कार्यक्रम की शुरुआत औपचारिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। समारोह के दौरान श्री मिश्र ने कार्यशाला के निदेशक श्री जग्गनाथ सेठ,  दोनों सहायक निर्देशकों श्रीमती सुदेशना रानी राउत और कार्यशाला की सहायक समन्वयक सुश्री सस्मिता बेक  को भी सम्मानित किया। 

उल्लेखनीय है कि, कार्यशाला का समापन 10 जून, 2025 को सिविक सेंटर में कार्यशाला के प्रतिभागियों द्वारा एक नाटक प्रस्तुति के साथ होगा। 

आरंभ में श्री भास्कर महापात्रा ने सभा का स्वागत किया और आकर्षक संकेतों और तालियों से युवा प्रतिभागियों को जोशीला बना दिया। सुश्री अर्चना सत्पथी ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापित किया, जबकि उप प्रबंधक (जन संपर्क),  सासंक पटनायक ने उद्घाटन समारोह का मंच सञ्चालन किया ।

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