मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप चौराहे के सौन्दर्यीकरण कार्यों का लोकार्पण किया
महाराणा प्रताप का व्यक्तित्व एवं कृतित्व जनमानस को देश और धर्म हेतु बलिदान के लिए प्रेरित करता : मुख्यमंत्री
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज भारत माता के महान सपूत राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप की पावन जयन्ती है। महाराणा प्रताप को उनकी वीरता और देश भक्ति के लिए पूरे देश में अत्यन्त गर्व एवं सम्मान के साथ याद किया जाता है। महाराणा प्रताप का व्यक्तित्व एवं कृतित्व जनमानस को देश और धर्म हेतु बलिदान के लिए प्रेरित करता है। देश की वर्तमान चुनौतीपूर्ण स्थिति में राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोबिन्द सिंह महाराज जैसे राष्ट्रनायकों का स्मरण हर भारतवासी के लिए एक प्रेरणा है। मुख्यमंत्री जी ने भरोसा जताया कि यह प्रेरणा वर्तमान एवं भावी पीढ़ी के लिए पाथेय बना रहेगा।
मुख्यमंत्री आज यहां महाराणा प्रताप चौराहे के सौन्दर्यीकरण कार्यों का लोकार्पण करने के उपरान्त आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। लोकार्पित कार्यां में महाराणा प्रताप स्थल का नवीनीकरण, छत्र निर्माण एवं नवनिर्मित महाराणा प्रताप स्मृति द्वार शामिल है। मुख्यमंत्री जी ने महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 09 मई, 1540 को राजस्थान की वीर भूमि में महाराणा प्रताप का जन्म हुआ था। मात्र 27 वर्ष की उम्र में उन्होंने पहला युद्ध लड़ा था। उस समय मेवाड़ के ज्यादातर दुर्ग या किलां पर अकबर ने या तो कब्जा कर लिया था या उन्हें अत्यन्त कमजोर बना दिया था। महाराणा प्रताप ने विधर्मियों के सामने देश की आन-बान-शान को न डिगने देने के संकल्प के साथ समाज के अंतिम पायदान पर स्थित भील, मीणा, वनवासियों, गिरवासियों सहित समाज के प्रत्येक तबके को जोड़ करके सन् 1576 में हल्दीघाटी की ऐतिहासिक लड़ाई लड़ी। इस लड़ाई के उपरान्त उन्होंने उस कालखण्ड में जो भी युद्ध लड़े, सभी में विजय प्राप्त करते हुए अकबर को पराजित किया तथा अपने सभी दुर्ग व किलोंं को वापस प्राप्त कर भारत की आन-बान-शान की रक्षा की थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए महाराणा प्रताप को लम्बे समय तक जंगलों में दर-दर की ठोकर तथा घास की रोटी खाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। महाराणा के लिए यह समय अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत बनाने का था। उन्होंने इस कार्य को प्रखरता के साथ किया। भामाशाह जैसे दानवीर उन्हें प्राप्त हुए। उस समय इन्होंने भील, मीणा आदि को अपने साथ जोड़कर सामाजिक संरचना को इतना मजबूत बनाया कि अन्ततः अकबर की लाखों की सेना महाराणा प्रताप की सेना के सामने नाकों चने चबाने के लिए मजबूर हो गई। हिन्दू सूर्य के रूप में महाराणा प्रताप की जय-जयकार उत्तर से दक्षिण तक पूरे देश में छा गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस चौराहे को आगे से महाराणा प्रताप चौराहे के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश की बहादुर सेना के मनोबल को बढ़ाने के लिए हर प्रदेशवासी प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में पूरी मजबूती के साथ खड़ा होगा। साथ ही, देश की सेना की हर कार्रवाई जो देश की रक्षा के लिए की जा रही है, उसमें पूरा प्रदेश मजबूती के साथ अपना योगदान देता रहेगा। कार्यक्रम को विधायक राकेश प्रताप सिंह ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम के अन्त में राज्यसभा सदस्य ब्रजलाल ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह, वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, एम0एस0एम0ई0 मंत्री राकेश सचान, परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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