जिलाधिकारी ने लू प्रकोप, हीटवेव के दृष्टिगत जनपद वासियों से की अपील
सोनभद्र। जिलाधिकारी बी0एन0 सिंह ने अवगत कराया है कि जनपद में गर्मी बढ़नी लगी है और आने वाले सप्ताह में और अधिक गर्मी पड़ने की सम्भावना है। गर्मी में मनुष्य के साथ-साथ सभी प्राणियों को पानी की आवश्यकता होती है। जब मनुष्य को प्यास लगती है तो पानी का संग्रहण कर लेता है अथवा वह कहीं से भी पानी मांगकर पी लेता है लेकिन परिंदे व पशुओं को प्रचण्ड गर्मी में यहां-वहां पानी के लिये भटकना पड़ता है। गर्मियों में कई परिंदों व पशुओं की मौत पानी की कमी के कारण हो जाती है। आप सभी प्रबुद्ध नागरिक जन का थोड़ा सा प्रयास घरों के आस-पास उड़ने वाले परिंदों एवं पशुओं की प्यास बुझाकर जिंदगी को बचाया जा सकता है।
गर्मियों में घरों आस-पास इनकी चहचहाहट बनी रहें, इसके लिये अपर जिलाधिकारी ने जनपदवासियों से विशेष अपील करते हुये कहा है कि सभी नागरिक पशु एवं पक्षियों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण रखते हुये उनका विशेष ख्याल रखें। पानी न मिले तो पक्षी बेहोश होकर गिर जाते है और उनकी मृत्यु होने की सम्भावना बढ़ जाती है। पंरिदों व पशुओं के लिये गर्मी में पानी को अमृत के समान माना जाता है और गर्मी में बेजुबान, मूक पशु-पक्षियों को प्यास में तड़पना पड़ता है, हालांकि जब वे प्यासे होते है तो घरो के सामने दरवाजे पर आकर खड़े होने पर चारा खिलाना व पानी पिलाने का प्रयास करें। इस गर्मी में पशु पक्षियों की प्यास बुझाने के लिये लोगों को प्रयास करना चाहिये। घर के बाहर या बालकनी में छांव वाली जगह पर बर्तन में पानी भरकर रखें। पानी गर्म हो जाने पर समय-समय पर उसे बदलते रहे। कोई भी जानवर यदि खाना न खाये, सुस्त हो या उल्टी करे तो डॉक्टर को दिखाये। पानी और दाना आदि रख रहे है तो नियमित तौर पर इसे बरकरार रखें। ध्यान रहे कि पानी का बर्तन जानवर या पक्षी के आकार के लिहाज से ही हो जिससे उन्हें पानी पीने में असुविधा न हो और घरों के बाहर भी पानी के बर्तन भरकर रखें, या बड़ा बर्तन अथवा कोटना में पानी भरकर रखें जिससे मवेशी व परिंदे पानी देखकर आकर्षित होते है। छत पर भी पानी की व्यवस्था करें, छायादार जगह बनाकर वहां पानी के बर्तन भर कर रखें।
पक्षियों के लिये चना, चावल, ज्वार, गेहूॅ आदि जो भी अनाज घर में उपलब्ध हो उसे बुजेबान पक्षियों हेतु छतों एवं उचित स्थानों पर अवश्य रखें। पोखर, तालाब आदि कम पानी वाले जल स्रोतों को गंदा न करें, इससे पशु-पक्षियों के लिये पानी की व्यवस्था हो सकती है। पानी से गर्मी में तापमान से राहत मिलती है और शरीर में पानी की कमी नहीं होती है। उन्होने जनपद के सभी सम्मानित नागरिक जन से अपील है कि इस ग्रीष्मकालीन मौसम में पशु-पक्षियों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण बनाए रखें एवं चारे व पानी हेतु आवश्यक प्रबन्ध अपने प्रयासों से सुनिश्चित करें।

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