राष्ट्रव्यापी महापरीक्षा अभियान:बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान आकलन परीक्षा में पाँच लाख शिक्षार्थियों ने लिया भाग

*शिक्षार्थियों का बैंड-बाजे, तिलक व पुष्प वर्षा से हुआ स्वागत*

रायपुर, / प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग, साक्षरता तथा एनआईओएस के संयुक्त तत्वावधान में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान आकलन परीक्षा का आयोजन हुआ। इस राष्ट्रव्यापी महापरीक्षा अभियान में लगभग 5 लाख शिक्षार्थियों ने भाग लिया, जिनमें बुजुर्ग, युवा, महिलाएं, दिव्यांगजन और कई परिवारों की दो से तीन पीढ़ियां शामिल रहीं। यह महापरीक्षा अभियान शिक्षा की अलख जगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, जिसमें जनभागीदारी और उल्लास की अद्भुत मिसाल देखने को मिली।

इस ऐतिहासिक आयोजन में बस्तर सांसद महेश कश्यप, कांकेर विधायक आसाराम नेताम, लोक शिक्षण एवं राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण की संचालक दिव्या उमेश मिश्रा सहित कई जिलों के कलेक्टर, प्रशासनिक अधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। उन्होंने परीक्षा केंद्रों का दौरा कर शिक्षार्थियों का उत्साहवर्धन किया। दंतेवाड़ा के प्राथमिक शाला लब्बापारा, कुआकोंडा सहित विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर बैंड-बाजे, तिलक वंदन और पुष्प वर्षा के साथ शिक्षार्थियों का अभिनंदन किया गया। पिंक बूथ की तर्ज पर कई जिलों में विशेष सजावट कर उल्लास परीक्षा केंद्र बनाए गए। 

*हर वर्ग की सहभागिता* 

जांजगीर-चांपा जिले के रसोंटा, विकासखंड पामगढ़ में एक परिवार के सात सदस्यों, बुजुर्ग दंपति, उनके दो पुत्र, पुत्रवधुएं और नाती ने परीक्षा दी। कोण्डागांव, बलौदाबाजार, सरगुजा और बलरामपुर सहित कई जिलों में सास-बहू की जोड़ियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। दंतेवाड़ा, नारायणपुर, अंबिकापुर और बिलासपुर के केंद्रीय जेलों में भी कैदियों ने इस परीक्षा में भाग लिया। बलरामपुर के दिव्यांग देव कुमार सिंह और बेमेतरा के राम्हू भी इस अभियान का हिस्सा बने। पंचायती राज के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों ने शिक्षार्थियों एवं स्वयंसेवकों के लिए न्योता भोज का आयोजन कर शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।

*अभिनव प्रयास से बढ़ी भागीदारी* 

कोण्डागांव और दंतेवाड़ा में इमली और महुआ के पेड़ों के नीचे विशेष परीक्षा केंद्र बनाए गए, जिससे शिक्षार्थियों को सहज वातावरण मिल सके। शिक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल करने के लिए अभिनव प्रयास किए गए। कलेक्टर का पत्र, घर-घर आमंत्रण, गांव में मुनादी, तिलक लगाकर एवं निमंत्रण पत्रों के माध्यम से बुलावा भेजा गया।

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