केसीसी की धनराशि रू0 3 लाख से बढ़ाकर रू0 05 लाख की गयी 

मखाना की खेती को बढ़ावा देने हेतु इस बार मखाना की खेती को स्केल आफ फाइनेंस में शामिल किया गया है

इससे मखाना की खेती करने वाले कृषक भी ऋण प्राप्त कर सकते हैं

 वाराणसी। मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल के निर्देश के क्रम में बुधवार को विकास भवन, सभागार में वर्ष 2025-26 में विभिन्न फसलों/पशुपालन/मत्स्य पालन/रेशम कीट पालन एवम् मधुमक्खी पालन आदि कृषि सम्बद्ध गतिविधियों हेतु किसान क्रेडिट कार्ड पर ऋण के लिए स्केल आफ फाइनेंस निर्धारित करने हेतु जिला स्तरीय तकनीकी समिति (डी0एल0टी0सी0) की बैठक के साथ किसान दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें कृषि, सिंचाई, लघु सिंचाई, सहकारिता, मत्स्य, उद्यान, नलकूप, पशुपालन, गन्ना, लीड बैंक प्रबंधक, सहायक महाप्रबंधक-नाबार्ड, एस0बी0 आई0, बडौदा यू0पी0बैंक, सहकारी बैंक, रेशम, यू0पी0 नेडा, दुग्ध विकास अधिकारी एवं जनपद के कृषकों द्वारा सहभागिता किया गया। 

       बैठक में फसल लागत के अनुसार कृषकों को ऋण मिल सके इसके लिए विभिन्न फसलों के कास्ट आफ कल्टीवेशन पर चर्चा करते हुए उनकी प्रति हेक्टेयर लागत तथा पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, शहतूत रेशम कीट पालन हेतु विभागों द्वारा प्रस्तावित किये गये स्केल आफ फाइनेंस को कृषकों की सहमति से निर्धारित किया गया। इसी के साथ मखाना की खेती को बढ़ावा देने हेतु इस बार मखाना की खेती को स्केल आफ फाइनेंस में शामिल किया गया है। इससे मखाना की खेती करने वाले कृषक भी ऋण प्राप्त कर सकते हैं। जिला कृषि अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया है कि कृषक भाई आगामी खरीफ एवं रबी फसल की बुवाई हेतु वर्ष 2025-26 हेतु निर्धारित स्केल आफ फाइनेंस के अनुसार बैंक से ऋण प्राप्त कर सकते हैं तथा ऋण प्राप्त करने में किसी प्रकार की समस्या आने पर अवगत करायें, जिससे समस्या का समाधान कराते हुए ऋण प्राप्त कराया जा सके।

दुग्ध विकास अधिकारी द्वारा बताया गया कि मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन एवं मुख्यमंत्री प्रगतिशाील पशुपालक प्रोत्साहन योजनान्तर्गत प्रगतिशील पशुपालको को उन्नत नश्ल यथा-गिर, साहीवाल, हरियाणा, थारपारकर स्वदेशी गायों पर प्रोत्साहन दिया जा रहा है। जिसमें बाहर से 02 गाय को क्रय कर इकाई स्थापना करने कीे लागत का 40 प्रतिशत अनुदान देय है। इसी क्रम में अधोहस्ताक्षरी द्वारा कृषको से अपेक्षा की गई कि जिन कृषको द्वारा गेहूॅ की फसल का बीमा कराया गया है, वे ओलावृष्टि, अतिवर्षा एवं कटाई के उपरान्त 14 दिनो के अन्दर खलिहान/खेत में गेहॅू की फसल में क्षति होने की स्थिति में निर्धारित समयावधि में फसल बीमा कम्पनी के हेल्पलाइन नं-14447 एवं अधोहस्ताक्षरी को सूचित करें, ताकि नियमानुसार कार्यवाही की जा सके। साथ ही समस्त विभागों से अपेक्षा किया गया कि उपस्थित कृषकों द्वारा जो भी समस्याएं इस किसान दिवस के माध्यम से उठायी गयी है उसका समाधान नियमानुसार तत्काल करे।

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