ओम सेवा समिति द्वारा श्री राम कथा का आयोजन

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रेणुकूट। नगर के मुर्धवा क्षेत्र में स्थित बाल हनुमान मंदिर पर चल रहे श्री राम कथा के चौथे दिन विंध्य क्षेत्र से आए कथावाचक राजेशानंद जी महाराज ने चौथे दिन सती चरित्र का वर्णन किया। ओम सेवा समिति द्वारा आयोजित श्री राम कथा के दौरान सती चरित्र के प्रसंग को सुनाते हुए भगवान शिव की बात को नहीं मानने पर सती के पिता के घर जाने से अपमानित होने के कारण स्वयं को अग्नि में स्वाह होना पड़ा।कथा व्यास ने मां पार्वती के जन्म, कामदेव के भस्म होने और भगवान शिव द्वारा विवाह के लिए सहमत होने की कथा सुनाई। श्रोताओं को कथा सुनाते हुए कहा कि राजा दक्ष प्रजापति ने भगवान शंकर का अपमान करने के लिए महायज्ञ का आयोजन किया था। जिसमें उसने भगवान शिव को छोड़कर समस्त देवताओं को आमंत्रण भेजा था। भगवान शंकर के मना करने के बाद भी सती अपने पिता के यहां जाने की इच्छा जताई तो भगवान शंकर ने बिना बुलाए जाने पर कष्ट का भागी बनने की बात कही।

इसके बाद भी सती नहीं मानी और पिता के घर चली गईं। पिता द्वारा भगवान शंकर के अपमान पर सती ने हवन कुंड में कूदकर खुद को अग्नि में समर्पित करदिया। इसके बाद भगवान शंकर के दूतों ने यज्ञ स्थल को तहस-नहस कर दिया। माता सती के अग्नि में प्रवाहित होने के बाद तीनों लोकों को भगवान शिव के कोप भाजन का शिकार होना पड़ा। कथा विश्राम के बाद मुख्य यजमान निशांत पांडेय ने व्यासपीठ की आरती उतारी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में नगर के लोग मौजूद रहे।

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