क्षितिज शृंखला के अन्तर्गत आयोजित किया गया बाँसुरी वादन कार्यक्रम

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वाराणसी/ इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र तथा भारतीय सांस्कृतिक अध्ययन केन्द्र (आईसीसीआर) के द्वारा क्षितिज शृंखला के अन्तर्गत दिनांक 27 जनवरी 2024 को बाँसुरी वादन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। आईसीसीआर द्वारा संकल्पित क्षितिज शृंखला के उक्त कार्यक्रम में वाराणसी के प्रसिद्ध बाँसुरी वादक डॉ हरिप्रसाद पौड्याल ने शास्त्रीय वादन प्रस्तुतियाँ दीं। युवा बाँसुरी वादक डॉ पौड्याल ने  काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से संगीत विषय में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है, वे आईसीसीआर के स्थापित पैनल कलाकार हैं तथा वर्तमान में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के भोपाल परिसर में नाट्यशास्त्र अनुसन्धान केन्द्र में कार्यरत हैं। उक्त कार्यक्रम आईसीसीआर के उपक्षेत्रीय निदेशक, अरविन्द कुमार जी के विशेष सहयोग से इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के सभागार में आयोजित किया गया है। कार्यक्रम की विशिष्ट प्रस्तुतियों में डॉ हरि प्रसाद जी ने राग मधुवन्ती में आलाप जोड़ झाला तत्पश्चात् तीन ताल एवं द्रुत तीन ताल में रचित बन्दिश प्रस्तुत की। उसके पश्चात् राम भजन ठुमक चलत राम चन्द्र एवं अन्त में भैरवी धुन से कार्यक्रम का समापन किया गया।

कार्यक्रम में प्रसिद्ध तबलावादक स्व. पं. छोटेलाल जी मिश्र के शिष्य सिद्धार्थ चक्रवर्ती ने तबला पर तथा पखावज पर स्व. पं. श्रीकान्त मिश्र जी के शिष्य आदित्य दीप ने संगत प्रस्तुति प्रदान की। इसी के साथ, कार्यक्रम में जापान से आये मोगु हीरो अतार्सी ने तानपुरा पर अपनी विशिष्ट संगत प्रस्तुति भी प्रदान की। कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. रजनीकान्त त्रिपाठी, अकादेमिक विद्वान्, इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, क्षेत्रीय केन्द्र वाराणसी ने किया तथा कार्यक्रम में अतिथि स्वागत तथा धन्यवाद ज्ञापन इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अभिजित् दीक्षित द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में विशिष्ट रूप में प्रो. कृष्णकान्त शर्मा, पूर्व संकाय प्रमुख संस्कृत विघाधर्मविज्ञान संकाय, बीएचयू, वाराणसी; प्रो. स्वरवन्दना शर्मा, वसन्त कन्या महाविघालय, बीएचयू, वाराणसी; प्रो. अम्बरीश चंचल, गायन विभाग, संगीत एवं मंचकला संकाय, बीएचयू, वाराणसी; डॉ. प्रेमनारायण सिंह, पं. ललित कुमार, डॉ. सौरभ श्रीवास्तव, डॉ. सुजीत चौबे, डॉ. त्रिलोचन प्रधान,  गौतम चटर्जी तथा बड़ी संख्या में संगीतप्रेमी तथा कलाकार एवं सुधीजन उपस्थित थे।

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