राउरकेला।सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र के लर्निंग एंड डेवलपमेंट विभाग में 64 प्रबंधन प्रशिक्षु तकनीकी (एम.टी.टी.) – खान और सिरेमिक के लिए चल रहा केंद्रीय प्रवेश कार्यक्रम 20 जुलाई, 2024 को संपन्न हुआ। कार्यपालक निदेशक (एच.आर.) तथा अतिरिक्त प्रभार कार्यपालक निदेशक (परियेाजना), तरुण मिश्र ने समापन सत्र की अध्यक्षता की, जबकि एमटीआई, राँची के मुख्य महाप्रबंधक (एचआर-एलएंडडी) सह अतिरिक्त प्रभार कार्यपालक निदेशक (एचआर-एलएंडडी, एमटीआई), श्री संजय धर और आर.एस.पी. के मुख्य महा प्रबंधक (एच.आर.-एल.एंड डी.), सुश्री राजश्री बनर्जी इस अवसर पर उपस्थित थे।
अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए, तरुण मिश्र ने कहा, ‘सेल में प्रबंधन प्रशिक्षुओं का स्वागत करने की अनूठी संस्कृति पिछले 35 वर्षों में नहीं बदली है। यहाँ तक कि मेरा भी उस समय इसी तरह स्वागत किया गया था।’ उन्होंने प्रबंधन प्रशिक्षुओं को सलाह दी कि वे सेल में कार्य संस्कृति और उत्पादन प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए हमेशा सुझाव और प्रतिक्रिया लेकर आएँ। उन्होंने सेल के नए अधिकारियों से कहा कि वे कार्यस्थल पर आने वाली सभी संभावित कार्यों को सीखें, ताकि वे दूसरों के लिए मार्गदर्शक बन सकें।
नए नियुक्त प्रबंधन प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए, संजय धर ने उन्हें सेल में शीर्ष पदों तक पहुँचने के तरीकों को समझने और उनका पालन करने के लिए प्रेरित किया और यह भी बताया कि वहाँ पहुँचने के लिए क्या करना पड़ता है। ‘अनुशासन ही कुँजी है और सेल एक परिवार है, हम हमेशा देखते हैं कि हमारे नए सदस्य क्या लक्ष्य बना रहे हैं और हम उन्हें जीवन के हर कदम पर प्रोत्साहित करते हैं।’
इससे पहले, सुश्री राजश्री बनर्जी ने प्रशिक्षुओं से एक-एक करके फीडबैक लिया और उन्हें केंद्रीय प्रेरण सफलतापूर्वक पूरा करने पर बधाई दी और सेल में उनके भविष्य की यात्रा के लिए शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने समापन सत्र से पहले सभी प्रशिक्षुओं को उपहार भी भेंट किए।
प्रशिक्षुओं ने विदाई केक भी काटा और आर.एस.पी. में अपने 10 दिवसीय लंबे प्रवास की भावनाओं और अनुभवों को खुशी-खुशी साझा किया। उल्लेखनीय है कि, आर.एस.पी. ने लगभग एक दशक के बाद प्रबंधन प्रशिक्षुओं के लिए केंद्रीय प्रेरण कार्यक्रम की मेजबानी की। खान एवं सिरेमिक्स के 64 प्रबंधन प्रशिक्षुओं ने आर.एस.पी. में अपना केंद्रीय प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और अब उन्हें सेल के विभिन्न संयंत्रों, खानों और इकाइयों में पदस्थापित किया जाएगा।