कभीकवि द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन एवं सम्मान समारोह संपन्न

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लखनऊ/ उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, हजरतगंज, लखनऊ में एक विशाल साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया जिसके सूत्राधार व आयोजक अनिल सुरेश मिश्र जी रहे| कार्यक्रम की शुरुआत माँ शारदे के चरणों में दीप प्रज्वलित कर हुई| इस अवसर पर कभीकवि मंच के संस्थापक अनिल मिश्र जी की स्वरचित किताब “यादों का कुसुमन” तथा उन्हीं के द्वारा सम्पादित पुस्तक “जीवन और प्रेम” (साझा काव्य-संग्रह) का सफल विमोचन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान की प्रधान संपादिका डॉ. अमिता दुबे, विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रशिद्ध कवि शैलेन्द्र मधुर जी एवं अन्य गणमान अतिथियों में इंजी. राजीब दुबे, सुश्री सरिता निर्झरा, सुश्री संजू त्रिपाठी, अवनीश त्रिवेदी, सौरभ पांडे एवं मधुशाला प्रकाशन के संचालक सी. एस. ‘कृष्णा’ जी उपस्थित रहे|

कार्यक्रम का संचालन राष्ट्र स्तरीय मंच संचालिका डॉ. आभा श्रीवास्तव द्वारा बहुत ही शानदार तरीके से किया गया| मुंबई से आये ग़ज़ल एवं पार्श्वगायक निषाद सिंगर जी ने कार्यक्रम में अपनी रंगारंग प्रस्तुति से चार चाँद लगा दिये| कार्यक्रम के मुख्य सूत्राधार अनिल मिश्र जी ने उपस्थित सभी अतिथियों का सम्मान पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर एवं माल्यार्पण कर भव्य स्वागात किया| कभीकवि द्वारा कवियों को दिया जाने वाला काव्य रश्मि सम्मान, काव्य ऋषि सम्मान एवं काव्य विभूति सम्मान पाने वाले रचनाकारों में अपार हर्ष और उल्लास दिखा|

सम्मान के रूप में प्रथम पुरष्कार राशि 11000 रुपये शेषमणि शर्मा शेष प्रयागराज, द्वितीय पुरष्कार राजस्थान के राधेश्याम जटिया श्याम राशि 5100 रुपये, तृतीय पुरष्कार प्रमोद पवैया राशि 2100 रूपये तथा सात और रचनाकारों को 1100/- रुपये (प्रत्येक को) दिया गया| उपर्युक्त दोनों पुस्तकों का प्रकाशन मधुशाला प्रकाशन भरतपुर, राजस्थान द्वारा किया गया| कार्यक्रम में देश विदेश से पधारे तमाम कवियों एवं साहित्यिक हस्तियों ने शिरकत की।

आप को बता दें कि कभीकवि कवियों को प्रचारित प्रसारित करने का एक अनन्य मंच है जो अपनी काव्यलेखन प्रतियोगिताओं एवं काव्यपाठ द्वारा देश विदेश के कवियों को प्रोत्साहित करने का कार्य करता है। कभिकवि द्वारा संपादित साझा काव्य ‘जीवन और प्रेम’ जो कि देश विदेश के 100 महानतम कवियों की रचनाओं से सुसज्जित उत्कृष्ट पुस्तक है जिसे पढ़कर किसी भी काव्य प्रेमी का हृदय प्रफुल्लित हो उठेगा| अनिल मिश्रा जी ने बताया कि कभीकवि द्वारा आयोजित होने वाली अगली प्रतियोगिता द्वारा सम्पादित साझा काव्य “काव्याक्षरी” का विमोचन समारोह भी शीघ्र किया जायेगा|

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