कुछ भरकर कुछ रीत गया है धरती पर, जाने क्या-क्या बीत गया है धरती पर- कुण्ठित

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पंडित छतिश द्विवेदी ‘कुण्ठित’ द्वारा संपादित आठ पुस्तकों के लोकार्पण के साथ कवियों ने मनाया नववर्षोत्सव

उद्गार की 91 वीं कवि गोष्ठी संपन्न

वाराणसी। साल 2023 विदा हो रहा है और नव वर्ष पधारने वाला है। वियोग व मिलन की इस बेला में कवियों ने सुख दुख की रचनाओं के साथ नववर्षोत्सव मनाया। नगर के भोजूबीर स्थित स्याही प्रकाशन व उद्गार संस्था के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में पंडित छतिश द्विवेदी ‘कुण्ठित’ द्वारा संपादित आठ पुस्तकों का संयुक्त लोकार्पण भी किया गया। जिनमें पुस्तकें व लेखक या कवि क्रमशः ‘सरस्वती चालीसा’ कवि राजेंद्र कुमार गुप्त बावरा, ‘रह गए अवशेष अब किस्से कहानी’ कवि सुनील कुमार सेठ, ‘धरणी सुता’ कवि राजेंद्र कुमार गुप्त बावरा, ‘पत्थर नहीं हूं मैं’ कवयित्री खुशी मिश्रा, ‘मार्गदर्शक’ डॉक्टर अनिल बहुमुखी, ‘था भरोशा फिर मिलोगे’ कवि डा. शरद श्रीवास्तव शरद, ‘परिणीता’ कथाकारा श्रीमती  संध्या श्रीवास्तव सरस, ‘स्याही स्वर लघु कथा संग्रह भाग 01’ संयोजक नवल किशोर गुप्त आदि थीं। यहां यह उल्लेखनीय है कि गत वर्ष स्याही प्रकाशन द्वारा प्रकाशित सैकड़ों पुस्तकों में उक्त पुस्तकें शीर्श दश पुस्तकों में शामिल हैं।

उक्त सभा में ‘उद्गार’ संगठन की 91 वीं कवि गोष्ठी का आयोजन भी नववर्षोत्सव के रूप में किया गया। इस कार्यक्रम में पंडित छतिश द्विवेदी कुंठित ने अपना लिखा अनुगीत ‘ कुछ भरकर कुछ रीत गया है धरती पर,
जाने क्या-क्या बीत गया है धरती पर,
कुदरत काल बिछाकर आखिर हार गयी
कोमल जीवन जीत गया है धरती पर।’

सुनाया और एक गीत जिसका मुखड़ा
‘इस धरती पर बचा नहीं है एक मनुज निष्काम,
सबका अपना रामायण है, सबके अपने राम!’

सुनाकर सबको भाव विभोर कर दिया। उन्होंने स्याही प्रकाशन व उद्गार संस्था की गत वर्ष की सेवाओं पर प्रकाश डालते हुए सबका स्वागत भी किया। अपनी सेवाओं के संबंध में अपनी अनुभूतियों भी जाहिर किया।

कार्यक्रम में नव वर्ष उत्सव के तहत कविता सभा में काव्य भाव रखने वाले कवि जनों में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार राजेंद्र प्रसाद गुप्त बावरा, संचालन सुनील कुमार सेठ, मुख्य अतिथि खलील अहमद राही, आशिक बनारसी, चन्द्र भूषण सिंह, डा. कृष्ण प्रकाश श्रीवास्तव, श्रीमती शिब्बी ममगाई, खुशी मिश्रा, नन्दलाल राजभर, राम नरेश पाल, अलियार प्रधान, तेजबली अनपढ, जीएएल पटेल, डा. विन्धाचल पाण्डेय सगुन आदि रहे। धन्यवाद ज्ञापन संस्था के कोषाध्यक्ष व प्रेस सूचना अधिकारी हर्षवर्धन ममगाई ने किया।

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