(गाॅव गिराॅव हिंदी दैनिक के 17 वें स्थापना दिवस पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन)
बबुरी, चंदौली। चंदौली जनपद का प्रथम प्रकाशन गाॅव गिराॅव हिंदी दैनिक के 17 वें स्थापना दिवस के अवसर पर बबुरी स्थित फिल्म सिटी मैरिज लॉन में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि चंदौली के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव, विशिष्ट अतिथि प्रभु नारायण यादव विधायक सकलडीहा, गौरव श्रीवास्तव अध्यक्ष नगर पंचायत चकिया, पूर्व विधायक सैयदराजा मनोज सिंह डब्लू ने मां सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन पर सम्मेलन का शुभारंभ किया।
काव्य पाठ का प्रारम्भ मां सरस्वती की वंदना से करने के बाद श्रीमती पूनम श्रीवास्तव ने “मैं काशी की हूं बेटी प्रीत का उन्वान लिख दूंगी मैं कांटे की कलम से फूल की मुस्कान लिख दूंगी, अगर कोई मुझसे पूछे की जन्नत कहां है पूनम, तो उत्तर में कलम से अपना हिंदुस्तान लिख दूंगी। पढ़ कर श्रोताओं को ओज से भर दिया। आजमगढ़ से पधारे अहमद आज़मी ने वर्तमान हालात पर प्रहार करते हुए कहा मंदिरों मस्जिद ना तो गिरजा शिवाला चाहिए भूखा जो इंसान है उसको निवाला चाहिए।
चंदौली के युवा कवि सुरेश अकेला ने अपने प्रसिद्ध कविता धान कहूं कटोरा कहूं मैं प्रीत की रीत की बोली हूं, मेरी कोख में वीर हैं पलते जनपद मैं चंदौली हूं ।पढ़कर खूब तालियां बटोरी। दिल्ली से पधारे कवि शायर पंडित प्रेम बरेलवी ने अपने काव्य पाठ में कहा कि कब किसी की मेहरबानी चाहिए पर हमें भी सांस आनी चाहिए, जात मजहब रंग बोली जो भी हो दिल मगर हिंदुस्तानी चाहिए।
छंद सम्राट पंडित धर्म प्रकाश मिश्र ने “कौन कहता है गिद्ध भारत से लुप्त हुए, पेड़ों के बजाय कुर्सियों पर पाए जाते हैं, त्रेता वाला गिद्ध सीता माता हेतु जान दिया, कलयुग के गिद्ध सीताओं को नोच खाते हैं। सुनाकर कवि सम्मेलन को ऊंचाइयां प्रदान की। वाराणसी के कवि विकास पाण्डेय विदिप्त ने अपने हिस्से का काव्य पाठ करते हुए पढ़ा “गांठ रिश्तो में लाना नहीं चाहिए , प्रेम मन से मिटाना नहीं चाहिए, भाई चाहे अपना भले चाहे जैसा भी हो, उसको दुश्मन बनाना नहीं चाहिए। कवि महेश चंद्र जायसवाल ने “किसी का हौसला टूटा किसी के कम निगही से, तुम्हें जो इल्म होता तो जीता मैं बेगुनाही से” पढ़ कर तालियां बटोरी। डॉ प्रशांत सिंह ने मोबाइल के दौर में चला रेल का ट्रेंण्ड ,फॉलोअर तो बढ़ गए दोस्त हुए अनफ्रेंड। सुनाकर वर्तमान समय में गुमराह होते युवाओं को आगाह किया।
देश के नाम चीन कवित्री विभा सिंह ने “धरती गगन की प्रांजला क्यों ढूंढ रही है मेघों का वरण चंचला क्यों ढूंढ रही है, पत्थर के जिगर वाले न समझेंगे ऐ विभा दुष्यंत को शकुंतला क्यों ढूंढ रही है” सुनाकर खूब वाहवाही लूटी । रोहित पांडेय ने “कुछ भी किया इंकार तो झगरे से मारेगा लड़कर अपने साले ससुरे से मारेगा” सुनाया। युवा कवि दमदार बनारसी ने संचालन का दायित्व निभाते हुए हास्य व्यंग के फुहारों के साथ श्रोताओं को हंसते हंसते लोटपोट तो किया ही अपने हिस्से के काव्य पाठ में देशभक्ति के भाव भी पिरोए। उन्होंने “सरपरस्ती हो मेरी हिंदुस्तान की शान में एक तिरंगा मिल सके मुझको कफन के वास्ते” सुनाकर माहौल को वीर रस से सराबोर कर दिया।
कवि मंच की अध्यक्षता कर रहे गंगा जमुनी तहजीब के कवि शायर सलीम शिवालवी ने अंत में काव्य पाठ करते हुए सुनाया “बसाओ प्रेम की बस्ती यहां हथियार मत बांटो ,तुम अपने खुशियों का फूल बांटो खार मत बांटो, अमन का देश है भारत यही तारीख़ कहती है, यहां त्रिशूल मत बांटो यहां तलवार मत बांटो । कवि सम्मेलन में आए हुए सभी अतिथियों एवं गणमान्य जनों को स्मृतिचिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम संयोजक प्रभात कुमार जायसवाल, सत्य प्रकाश सत्या के अलावा राम प्रसाद यादव, वीरेंद्र कुमार बिंद, करुणापति त्रिपाठी, अरविंद त्रिपाठी,आलोक कुमार सिंह कालिदास त्रिपाठी रोहित वर्मा मनीष पाठक मुकेश जायसवाल श्री प्रकाश सोनिया अजीत जायसवाल, सुनील श्रीवास्तव, धर्मेन्द्र कुमार सिंह, वृजेश केशरी, रविंद्र प्रताप सिंह, स्वप्निल सिंह, यशवंत यादव, अशोक जायसवाल ,ओंकारनाथ, आदि में अतिथियों का स्वागत किया।
कार्यक्रम में जनपद के वरिष्ठ पत्रकार सर्वश्री शीतल राय ,देवेंद्र प्रताप सिंह यादव प्रचार प्रसार मंत्री बेसिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश, विरेन्द्र प्रताप सिंह उप प्रधानाचार्य अशोक इण्टर कालेज , विजय विश्वकर्मा, सभासद नगर पंचायत चकिया, मौलाना यादव प्रधान गंगापुर जिलाजीत सिंह प्रधान अमदहाॅ नौगढ़ को मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि के हाथों स्मृतिचिह्न ,अंग वस्त्रम भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का आभार प्रकाश संपादक श्रीधर द्विवेदी ने किया।