ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 33 लाख 50 हजार करोड़ रु0 से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त-योगी आदित्यनाथ

Spread the love

मुख्यमंत्री ने जी-20 के आयोजन के अन्तर्गत ‘प्रथम डिजिटल इकोनाॅमी वर्किंग ग्रुप’ की बैठक का शुभारम्भ किया

एम0ओ0यू0 की माॅनिटरिंग के लिए ‘निवेश सारथी’, सिंगल विण्डो सुविधा के लिए ‘निवेश मित्र’ तथा शासन की नीतियों के अन्तर्गत इन्सेन्टिव प्राप्त करने हेतु इन्सेन्टिव माॅनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से निवेशकों को डिजिटल प्लेटफाॅर्म उपलब्ध कराया गया

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डिजिटल तकनीक आज की आवश्यकता है। इसके माध्यम से पारदर्शी व्यवस्था बनाकर प्रत्येक नागरिक के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने का कार्य किया जा सकता है। भारत में विगत 09 वर्षाें के दौरान तकनीक के क्षेत्र में तेजी से परिवर्तन हुआ है। इसने 140 करोड़ देशवासियों के जीवन में व्यापक परिवर्तन करने का कार्य भी किया है। यह दुनिया के देशों के लिए एक उदाहरण है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश सरकार ने गवर्नेंस के विभिन्न आयामों में अत्याधुनिक तकनीक और डिजिटाइजेशन को अपनाया है। इसके माध्यम से प्रदेश की बड़ी आबादी को सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। अनेक क्षेत्रों में तकनीक के प्रयोग से कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है। भारत की कुल आबादी का लगभग हर छठा व्यक्ति उत्तर प्रदेश में निवास करता है। तकनीक का प्रयोग करते हुए इतनी बड़ी आबादी के लिए पारदर्शी तरीके से कार्य किया जा रहा है। तकनीक के बेहतर प्रयोग से राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में परिवर्तन सम्भव हुआ है।
मुख्यमंत्री आज यहां जी-20 के आयोजन के अन्तर्गत ‘प्रथम डिजिटल इकोनाॅमी वर्किंग ग्रुप’ बैठक में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलन कर बैठक का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री जी ने भारत के हृदय स्थल तथा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जी-20 के सदस्य देशों तथा आमंत्रित देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश भारत की आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है। यह देश की सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। यहां 25 करोड़ लोग निवास करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में तकनीक के लाभ का एक बड़ा उदाहरण देश की सबसे बड़ी खाद्यान्न वितरण योजना, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी0डी0एस0) के माध्यम से देखा जा सकता है। राज्य में 80 हजार उचित मूल्य दुकानों (फेयर प्राइस शाॅप) में ई-पाॅस मशीनों के माध्यम से माॅनिटरिंग करते हुए 15 करोड़ लोगों को पी0डी0एस0 से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। तकनीक के प्रयोग से 1200 करोड़ रुपए की वार्षिक बचत इस कार्य में हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक के प्रयोग से प्रदेश के 02 करोड़ 60 लाख किसानों को पी0एम0 किसान सम्मान निधि तथा 01 करोड़ निराश्रित महिलाओं, वृद्धजनों तथा दिव्यांगजनों को पेंशन की सुविधा डी0बी0टी0 के माध्यम से उपलब्ध करायी जा रही है। राज्य के 01 करोड़ विद्यार्थियों को स्काॅलरशिप की सुविधा डी0बी0टी0 के माध्यम से उनके खातों में उपलब्ध करायी जा रही है। बेसिक शिक्षा परिषद के 01 करोड़ 91 लाख छात्र-छात्राओं को यूनिफाॅर्म, बैग, जूते-मोजे तथा स्वेटर के क्रय के लिए डी0बी0टी0 के माध्यम से धनराशि उनके अभिभावकों के खातों में प्रेषित की जा रही है। प्रदेश के 02 करोड़ युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए उन्हें टैबलेट/स्मार्टफोन उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ई-आॅफिस प्रणाली लागू होने से सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आयी है। अब कृषि, जलसंसाधन तथा युवा शक्ति के साथ ही नई अर्थव्यवस्था के रूप में भी प्रदेश की दुनिया में पहचान बनी है। विगत 10 से 12 फरवरी तक प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया। 40 देशों के प्रतिनिधियों ने इसमें प्रतिभाग किया। इस दौरान प्रदेश में 33 लाख 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसकेे लिए राज्य सरकार ने तकनीक को अपनाया। प्रदेश में होने वाले किसी भी एम0ओ0यू0 की माॅनिटरिंग के लिए ‘निवेश सारथी’, सिंगल विण्डो सुविधा के लिए ‘निवेश मित्र’ तथा शासन की नीतियों के अन्तर्गत इन्सेन्टिव प्राप्त करने हेतु इन्सेन्टिव माॅनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से निवेशकों को डिजिटल प्लेटफाॅर्म उपलब्ध कराया गया।
केन्द्रीय रेल, संचार एवं इलेक्ट्राॅनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि डिजिटल तकनीक आज हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुकी है। ए0आई0, 5-जी तथा क्वाण्टम तकनीक आने वाले समय में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेंगी। ऐसे समय में भारत को जी-20 की अध्यक्षता करने का अवसर मिला है। प्रधानमंत्री जी के विजनरी नेतृत्व में भारत ने डिजिटल इकोनाॅमी के लिए विशिष्ट फ्रेमवर्क बनाए हैं। इनका फोकस सभी नागरिकों के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने पर है।
केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत ने विश्व में अलग पहचान बनायी है। डिजिटल तकनीक जी-20  देशों के आर्थिक रूपान्तरण की आधारशिला रही है। शासन से लेकर कारोबार तथा सेवाओं और उत्पादों की प्रभावशीलता एवं दक्षता बढ़ाने के लिए इन तकनीकों को अपनाया गया है।
केन्द्रीय इलेक्ट्राॅनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हमने विगत वर्षों में देखा है कि तकनीक न केवल नवप्रवर्तन तथा सफल बनने के लिए आवश्यक है, बल्कि यह आधारभूत स्तर पर लोगों की जिन्दगी भी बदल सकती है। वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री जी ने डिजिटल इण्डिया की शुरूआत की थी। प्रधानमंत्री जी तकनीक के माध्यम से लोगों को सशक्त करने, इस क्षेत्र में व्यापक अवसरों का निर्माण करने तथा तकनीक को सबके लिए सुलभ बनाये जाने के लक्ष्य रखे थे।
इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, भारत सरकार के इलेक्ट्राॅनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव अलकेश कुमार शर्मा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, लखनऊ की मण्डलायुक्त श्रीमती रोशन जैकब, सूचना निदेशक शिशिर सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी, जी-20 देशों तथा आमंत्रित देशों के प्रतिनिधि, एकेडमिया, उद्योग तथा स्टार्टअप के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.