भारतीय संस्कृति का आदि प्रतीक है यज्ञ : रमेश चतुर्वेदी

Spread the love

प्रयागराज। [ : मनोज पांडेय ]सैदाबाद बाजार ब्लाक के सामने जनकल्याणार्थ आयोजित 15 दिसम्बर से 21 दिसम्बर तक “रामनाम जप” आन्जनेय महायज्ञ एवं कथा में आज दिव्य शोभायात्रा निकली जिसमे प्रवासी संघ के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष रसिकपिठाधिश्वर मंहथ जन्मेजय शरणदास महराज अयोध्या से एवं सीताराम आश्रम के संस्थापक स्वामी समर्थरामदास महराज बलसाड गुजरात से शोभयात्रा मे संत द्वय की गरिमामयी उपस्थिति रही, यज्ञ में और बडे संतो के आने की संभावना है, शोभायात्रा में सुन्दर झाकी के द्वारा क्षेत्र में भक्ति मयी वातावरण का परिदृश्य परिलक्षित हुआ, अन्तर्राष्ट्रीय कथा वाचक रामजी भाई वृन्दावन धाम से अपनी अमृतमयी कथा का रसपान एक सप्ताह करवायेंगे, कथा के उपरांत चित्रकूट धाम से पधारे आचार्यगण सायं 8बजे से भक्तों को रासलीला व सास्कृतिक कार्यक्रम से आनन्दित करेगे।
शोभयात्रा में क्षेत्र के धर्मानुरागी भक्तो का जनसमूह बाजे-गाजे के साथ भक्ति भाव में लीन रहा जिसमे प्रमुख रुप से व्यवस्थापक उन्मुक्त त्रिपाठी, अजय मिश्रा, पिन्टू, रविकांत त्रिपाठी, आकाश यादव, अभिशेक मिश्रा, आचार्य हरिओम मिश्रा, मनीष शास्त्री, शिवम चतुर्वेदी, अजय शुक्ला, अनील मिश्रा, विप्रनाथ पाठक, पूर्व प्रमुख मुन्ना त्रिपाठी व वरिष्ठ समाजसेवी रमेश चतुर्वेदी की उपस्थिति रही। आयोजित शोभायात्रा समापन के उपरांत व्यासपीठ पर रमेश चतुर्वेदी, नरेन्द्र त्रिपाठी व आयोजक मण्डल द्वारा उपस्थित संतो आचार्यो का अन्गवस्त्रम व माल्यार्पण कर स्वागत अभिन्नदन भी किया गया। चतुर्वेदी ने ब्यासपीठ से शोभायात्रा में उपस्थित दोनो संतो की गरिमामयी उपस्थिति को हनुमानजी महराज की कृपा एवं दुर्लभ संयोग ही बताया, आयोजक मण्डल एवं सभी भक्तो का आभार जताते हुये कहा कि भारतीय संस्कृति का आदि प्रतीक है यज्ञ और वैदिक काल में यज्ञ ही सर्वोपरि था, “यज्ञो वै श्रेष्ठतम कर्म” इसलिये देश, धर्म, समाज व इन्सानियत को कायम करने के लिये धार्मिक आयोजनों मे हम सबकी सहभागिता, समर्पण ही जीवन की सार्थकता है व स्वच्छ समाज के निर्माण हेतु मूल दायित्व भी। क्योंकि : यतो धर्मस्ततो जयः!

Leave a Reply

Your email address will not be published.