पंचायती राज मंत्रालय उत्तर प्रदेश में आगरा के ताज होटल और कन्वेंशन सेंटर में द्वितीय पंचायत सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है। चार सम्मेलनों की श्रृंखला का यह दूसरा पंचायत सम्मेलन है। पहला सम्मेलन हैदराबाद में आयोजित हुआ है। देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर शासन और सेवा वितरण तंत्र को सुदृढ़ करने की यह महत्वपूर्ण पहल है।
पंचायती राज और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल जीवन सुगमता पर पंचायत सम्मेलन: जमीनी स्तर पर सेवा वितरण को बढ़ाना विषय के इस महत्वपूर्ण क्षेत्रीय कार्यशाला की अध्यक्षता करेंगे। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर, पंचायती राज मंत्रालय सचिव विवेक भारद्वाज, उत्तर प्रदेश सरकार के पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव नरेंद्र भूषण, पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव आलोक प्रेम नागर भी शामिल होंगे और सुशासन तथा सतत ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने में केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोगात्मक प्रयासों का उल्लेख करेंगे।
पंचायत सम्मेलन में असम, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, नागालैंड, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित आठ राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे जो विविध भौगोलिक क्षेत्रों प्रतिनिधित्व करेंगे और और शासन के अनुभव साझा करेंगे। अंतिम स्तर तक सेवा पहुंचाने और ग्रामीण शासन में गुणवत्ता मानक स्थापित करने का दायित्व निभाने वाले पंचायत पदाधिकारी और निर्वाचित प्रतिनिधि विस्तृत विचार-विमर्श में भाग लेंगे। कार्यशाला का उद्देश्य ग्रामीण शासन में परिवर्तनकारी बदलाव में तेज़ी लाना है जो पूरे देश में ग्रामीण नागरिकों की जीवन सुगमता बढ़ाएगा। हैदराबाद पंचायत सम्मेलन की सफलता के तर्ज पर आगरा पंचायत सम्मेलन को भी 11 भाषाओं – बंगाली, अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल और तेलुगु में लाइव स्ट्रीम किया जाएगा जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स-संचालित भाषिनी प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाएगा।
आगरा पंचायत सम्मेलन में परिवर्तनकारी पहल का उल्लेख किया जाएगा जिसमें वाधवानी फाउंडेशन द्वारा बेहतर सेवा वितरण के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) और पंचायती राज मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन सेवाओं के लिए सर्विसप्लस को कॉन्फ़िगर करना और रैपिडप्रो (यूनिसेफ) और भाषिनी जैसे डिजिटल सार्वजनिक प्लेटफॉर्म का लाभ उठाना शामिल है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडी एंड पीआर) ग्रामीण सेवा वितरण के मानदंड की रणनीति प्रस्तुत करेगा जो डिजिटल नवाचार और शासन उत्कृष्टता की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
पंचायत सम्मेलन अनुच्छेद 243जी में निहित संवैधानिक जनादेश पर आधारित है, जो पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) को स्थानीय स्वशासन की महत्वपूर्ण इकाइयों के तौर पर सशक्त बनाता है। इस संवैधानिक प्रावधान ने पंचायती राज संस्थाओं को कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक कल्याण और सार्वजनिक वितरण प्रणाली सहित 29 विषय लागू करने का अहम दायित्व सौंपा है जो विकेंद्रीकृत शासन के आवश्यक स्तंभ हैं। लोकतांत्रिक शासन के तीसरे स्तर के तौर पर ग्राम पंचायतें ग्रामीणों को प्रभावी रूप से उन तक समय पर सीधी सेवाएं सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। कार्यशाला में अंतिम स्तर तक सेवा पहुंचाने की सुदृढ़ रणनीति पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जिसमें मानक और सेवा वितरण की गुणवत्ता बढ़ाने पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा।