एक राष्ट्र की परिकल्पना जहाँ जाति, धर्म और क्षेत्र से ऊपर उठकर एक मजबूत और स्वाधीन देश का सपना: निर्मल सिंह

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वीर कुँवर सिंह विजयोत्सव समारोह
नई दिल्ली: कॉन्स्टिट्यूशन क्लब नई दिल्ली में वीर कुंवर सिंह फाउंडेशन द्वारा विजयोत्सव समारोह मनाया गया। 1857 की क्रांति के महानायक वीर कुँवर सिंह को याद करने के लिए देश और दिल्ली के कोने-कोने से सैंकड़ो की संख्या में लोग पहुचे हुये थे। फाउंडेशन के चेयरमैन निर्मल सिंह ने वीर कुँवर सिंह फाउंडेशन द्वारा 2022 से 2023 तक रजत जयंती वर्ष में पूरे साल विभिन्न प्रदेशो में यह आयोजन करने की घोषणा की। मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री ,भारत सरकार नरेन्द्र सिंह तोमर ने 1857 की क्रांति से प्रेरणा लेनी की बात कही, और फाउंडेशन को 25 वे वर्ष में प्रवेश करने पर बधाई दी। महायोगी पायलट बाबा ने फाउंडेशन द्वारा वीर कुँवर सिंह स्मारक दिल्ली में बनाने की घोषणा किया अगर सरकार जमीन उपलब्ध करा दे तो हम वीर कुँवर सिंह फाउंडेशन द्वारा प्रस्तावित स्मारक दिल्ली में बनवा देंगे।
निर्मल सिंह का कहना है कि यह साल  2022 है , यह आजादी के अमृत महोत्सव का भी साल है। मतलब देश को आजाद हुए जो 75 साल हुए हैं, उसके जश्न का समय है यह। अखिल भारतीय आजादी की भव्य इमारत। मैं थोड़ा ठहरकर इस इमारत की नींव को देखता हूँ, जो बहुत गहरी ,बहुत मजबूत और हिलाई ना जा सकने वाली नींव है। यह इतनी मजबूत कैसे बनी ? इसलिए बनी कि इस नींव में असंख्य बलिदानियों की पवित्र  हड्डियाँ हैं, ज्ञात और अज्ञात शूरमाओं की पावन देह है, आजाद भारत के सपने लिए बलिवेदी पर 1857 से 1947 तक, मतलब लगातार 90 वर्षों तक, देशभक्तों ने अपनी जिंदगी की आहुतियाँ दीं। यह है हमारी भारतीयता यह है एक राष्ट्र की परिकल्पना . जहाँ जाति, धर्म और क्षेत्र से ऊपर उठकर एक मजबूत और स्वाधीन देश का सपना पला था। वीर कुंवर सिंह फाउंडेशन भी पुरखों के इसी मूल्य को लेकर बढ़ता है। फाउंडेशन आज जहाँ पहुंचा है उसको वहां तक लाने में सभी धर्म, जाती और क्षेत्र के लोगों का सहयोग मिला है।
क्या संयोग है कि वीर कुँवर सिंह फाउंडेशन अपने आयोजन के 24 वर्ष पूरे करते हुए अपने रजत जयंती वर्ष, यानि 25 वें वर्ष में इधर प्रवेश कर रहा है। हम लोग यहाँ वीर कुँवर सिंह को याद कर रहे हैं।
कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें हास्य कवि शभु शिखर,, स्वर तृष्णा ने आकर्षक कार्यक्रम दिया एवम सोनी मंजुल, चौनपुरिया, राजू राज ने आदि कलाकारों ने प्रस्तुति दी।

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