प्रयागराज। स्वच्छ भारत मिशन को अपने अभियान से जोड़ते हुए एनटीपीसी ऊंचाहार द्वारा स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जा रहा है, जिसमें विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से पखवाड़े के पहले सप्ताह में ही जन जागरूकता का ऐसा वातावरण बन रहा है कि स्वच्छता पखवाड़े ने जन आंदोलन का रूप ले लिया है। पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों में ना केवल एनटीपीसी कर्मचारी व उनके परिवारजन भी बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं। साथ ही साथ परियोजना के स्कूलों, सीआईएसएफ के जवानों, परियोजना परिसर के दुकानदारों, संविदा श्रमिकों, आसपास के ग्रामीणों के अलावा आवासीय परिसर के आसपास के आम नागरिक भी स्वच्छता अभियान से प्रेरित होकर अपने घर व कार्यस्थल को साफ-सुथरा रखने का संकल्प ले रहे हैं। पखवाड़े की शुरुआत एनटीपीसी ऊंचाहार द्वारा प्रभात फेरी एवं सभी कर्मचारियों को स्वच्छता शपथ दिलवाने के साथ की गई।
परियोजना आवासीय परिसर के शॉपिंग कॉम्पलेक्स, ऊंचाहार रेलवे स्टेशन, बहेरवा मार्किट व उमरन गांव में साफ-सफाई के प्रति ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए नुक्कड़ नाटकों के आयोजन किए गए। साथ ही इन स्थानों पर विशेष सफाई अभियान चलाकर डस्टबिन का वितरण करके इन क्षेत्रों की साफ-सफाई भी करवाई गई। स्वच्छता पखवाड़े के विभिन्न कार्यक्रमों की श्रृंखला में सफाई कर्मियों व संविदा कर्मियों के लिए प्रशिक्षण सत्र का आयोजन कर उन्हें स्वच्छता किट का भी वितरण किया गया। इसके अलावा परिसर की नालियों की भी सफाई करवाई गई। परियोजना परिसर को एकल प्रयोग प्लास्टिक से पूर्ण रूप से मुक्त करने का जज्बा लिए हुए जन जागरूकता के कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया।
प्रेरणादायी बात ये रही कि परियोजना में बालिका सशक्तिकरण अभियान के तहत चल रही कार्यशाला में आसपास के गांवों की जो बालिकाएं प्रतिभाग कर रही हैं, उन्होंने भी इस अभियान से अपने आपको जोड़ रखा है। इन बालिकाओं ने साफ-सफाई को अपनी दिनचर्या में सम्मिलित किया है और इन बालिकाओं को माहवारी के दौरान अपनाए जाने वाले स्वच्छता उपायों के बारे में जानकारी दी गई, जिससे प्रेरित होकर इन ग्रामीण बालिकाओं ने स्वच्छता अभियान पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया तथा कार्यशाला परिसर की साफ-सफाई भी की।
इस प्रकार एनटीपीसी द्वारा आयोजित स्वच्छता के इस महाअभियान के पहले सप्ताह से परियोजना परिसर तथा आसपास के विभिन्न वर्गों व समूहों के लगभग 1500 लोग जुड़ चुके हैं और हजारों लोगों को लाभान्वित हो रहे हैं। परियोजना प्रमुख मनदीप सिंह छाबड़ा स्वयं इन कार्यक्रमों से जुड़कर आम और खास लोगों को प्रेरित व प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रहे हैं।