माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश, पंजाब और दिल्ली के अलग-अलग जिलों में 65 मुकदमे दर्ज किये गए थे। इनमें से सर्वाधिक 25 मुकदमे गाजीपुर जिले में दर्ज हुए थे। 65 मुकदमों में 15 मुकदमे हत्या के आरोप से संबंधित थे। मुख्तार को 8 मामलों में अदालत से सजा सुनाई जा चुकी थी। वहीं, 21 मुकदमों का अलग-अलग अदालतों में ट्रायल चल रहा था।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय 3 अगस्त 1991 को लहुराबीर स्थित अपने घर के बाहर खड़े थे। उसी दौरान बगैर नंबर की मारुती वैन से आए बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर मौके पर अवधेश राय की हत्या कर दी थी। घटनास्थल से चेतगंज थाना लगभग 100 मीटर की दूरी पर ही था। अजय राय ने बदमाशों का पीछा भी किया था, परन्तु उन्हें पकड़ पाने में वह असफल हो गए थे। यह ऐसा पहला मामला था जिसमें मुख्तार अंसारी को 5 जून 2023 को वाराणसी की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
नंद किशोर रुंगटा का क्या हुआ, किसी को नहीं पता
विहिप के तत्कालीन कोषाध्यक्ष और कोयला कारोबारी नंद किशोर रुंगटा का अपहरण बनारस स्थित उनके ऑफिस से 22 जनवरी 1997 को किया गया था। मुख्तार अंसारी गिरोह को सवा करोड़ रुपये की फिरौती दी गई थी। इसके बाद भी आज तक नंद किशोर रुंगटा का पता नहीं लग पाया। उनके परिजन घटना के 27 वर्ष बाद भी कुछ नहीं बोलते।
पुलिस और सीबीआई से पैरवी न करने के लिए मुख्तार अंसारी ने उनके भाई महावीर प्रसाद रुंगटा को धमकी दी थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी को वाराणसी की अदालत ने 15 दिसंबर 2023 को 5 साल 6 माह की सजा और 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया था।
500 राउंड गोली चलाकर की गई थी 7 लोगों की हत्या
वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी नेता कृष्णानंद राय ने मोहम्मदाबाद से अफजाल अंसारी को शिकस्त दी थी। 2004 में अफजाल अंसारी गाजीपुर से लोकसभा चुनाव जीता था। इसके बाद 29 जनवरी 2005 को विधायक कृष्णानंद राय समेत 7 लोगों पर AK-47 से 500 राउंड गोली चलाकर बसनिया चट्टी के समीप नृशंस तरीके से हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड में मारे गए 7 लोगों के शव से 67 गोलियां बरामद की गई थी।