उत्तर प्रदेश वन विभाग ने आगरा के सदर छेत्र स्थित कंपनी गार्डन से 9 भारतीय ग्रे लंगूरों को सफलतापूर्वक मुक्त कराया। इनमें 6 मादा, 2 नर और 1 बच्चा लंगूर शामिल थे। इन सभी को रस्सी से बांध कर रखा गया था। टीम ने सावधानीपूर्वक रस्सियों को हटाया और संबंधित अधिकारियों से अनुमति लेने के पश्चात लंगूरों को वापस जंगल में छोड़ दिया।
जाने पूरा मामला
वन विभाग को आगरा के सदर क्षेत्र में एक आवासीय कॉलोनी में 8 लंगूरों को बांधकर रखने की शिकायत मिली। सूचना के मिलते ही वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई किया एवं सभी लंगूरों को बचाया। लंगूरों को अलग-अलग पिंजरों में बंद कर उन्हें सुरक्षित रूप से स्थानांतरित किया गया,और अदालत से अनुमति प्राप्त करने के पश्चात ही उन्हें वाइल्डलाइफ एसओएस की सहायता से उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ कर उन्हें कैद से मुक्त कर दिया गया।
प्रभागीय वन अधिकारी आदर्श कुमार ने बताया कि “यह एक अवैध व्यापार है और हम कई लोगों को ट्रैक करने और इस प्रथा को कम करने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि लंगूर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-II के तहत संरक्षित हैं। अन्य जंगली जानवरों को रखना जैसे तोते और कछुए भी अवैध माने जाते हैं और ऐसा करना हमें आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने पर मजबूर कर सकता है।’
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स बैजूराज एमवी ने कहा कि ‘हम मानव-वन्यजीव संघर्ष और जंगली जानवरों की अवैध खरीद को कम करने के लिए 2 दशकों से भी अधिक समय से वन विभाग के साथ काम करते आ रहे हैं। चूंकि हमारे पास वन्यजीव अस्पताल है, और जानवरों की जांच के लिए सुविधाएं और पशु चिकित्सा की टीम मौजूद है, इसलिए हम उन्हें जंगल में छोड़ने से पहले उनकी अच्छे से चिकित्सकीय परीक्षण करते हैं।’