प्रयागराज। उत्सव समिति, मेजा ऊर्जा निगम प्राइवेट लिमिटेड, मेजा के तत्वावधान में रचना यादव कथक स्टूडियों, नई दिल्ली द्वारा ‘आराध्य – डांसिंग दि गॉड्स’ प्रस्तुत किया गया। प्रथम पूज्य गणेश, माँ दुर्गा, श्रीकृष्ण और देवाधिदेव महादेव के लीला स्वरूपों पर केन्द्रित इस नृत्य रचना की प्रस्तुति ने समस्त नगरवासियों को अध्यात्म और आनंद की एक ऐसी दुनिया में पहुंचा दिया, जहां जीव का सीधा संवाद परमात्मा से होता है।
चार देवी-देवताओं पर आधारित इस प्रस्तुति की रचना चार लयों में की गई थी। जहां गणेश की महान काया को विलम्बित लय में प्रदर्शित किया गया, वहीं दुर्गा जो सुंदर भी हैं, प्रचंड भी,दयालु भी हैं तो क्रूर भी, को मध्य लय में पिरोया गया । कृष्ण की चंचलता और उनकी अठखेलियों को द्रुत लय में और शिव शक्ति को अतिद्रुत में प्रस्तुत किया गया। संगीत संरचना और गायन समी उल्लाह खाँ का था। जबकि परिकल्पना, नृत्य संरचना और वेश भूषा रचना यादव की थी। इस कार्यक्रम की प्रकाश सज्जा प्रख्यात प्रकाश डिजाइनर गोविंद सिंह यादव द्वारा की गई थी। मंच पर उपस्थित कलाकारों में शामिल रहे- आस्था सिजारिया; अश्मिता ऐच; दीपानिता सरकार; हितेश गंगानी; रोशनी सोनी ; सिद्धांत पुरोहित और रचना यादव।
गौरतलब है कि प्रख्यात कथक कलाकार रचना यादव की यह बेहतरीन नृत्य रचना इसके पहले ‘ताज महोत्सव’ और ‘कालिदास महोत्सव’ जैसे प्रतिष्ठित कला सामारोहों में भी प्रदर्शित की जा चुकी है। नृत्य, प्रकाश और ध्वनि के रचनात्मक संयोजन से सजी यह शाम अपनी अनुपम प्रस्तुति के कारण नगरवासियों के बीच लगातार चर्चा का विषय बनी हुई है।
इस अवसर पर मेजा ऊर्जा निगम प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलेश सोनी ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुये कहा कि यह प्रस्तुति कुशल सिंक्रोनाइजेशन और श्रेष्ठ टीम वर्क के कारण एक अद्वितीय और यादगार प्रस्तुति रही। उन्होने यह भी कहा कि यह एक सर्वथा दोषरहित प्रस्तुति थी, जो सिक्स सिग्मा के मानकों पर खरा उतरने का सामर्थ्य रखती है। इस मौके पर अपराजिता महिला समाज की अध्यक्षा श्रीमती अनु सोनी, मेजा ऊर्जा निगम प्राइवेट लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारीगण और कर्मचारियों सहित सृजन विहार टाउनशिप के नगरवासी भारी संख्या में उपस्थित रहे। मेजा ऊर्जा निगम इस क्षेत्र में ऊर्जा उत्पादन करेनवाली सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कम्पनी है। दुर्गा पूजा महोत्सव के अवसर पर आयोजित यह कार्यक्रम मेजा ऊर्जा निगम की सांस्कृतिक प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।