आज प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में दूसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था बन चुकी, नम्बर एक के लिए प्रतिस्पर्धा -मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री ने बिजनेस स्टैंडर्ड समृद्धि उ0प्र0 कार्यक्रम को सम्बोधित किया

प्रधानमंत्री जी द्वारा विगत 10 वर्षों में किये गये कार्यां के परिणामस्वरूप भारत दुनिया की पाँचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हो चुका : मुख्यमंत्री

उ0प्र0 देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ रहा, देश के ग्रोथ इंजन के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा

लखनऊ :  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रधानमंत्री द्वारा विगत 10 वर्षों में जो कार्य किए गए, उसके परिणामस्वरूप भारत दुनिया की पाँचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हो चुका है। उत्तर प्रदेश आज देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ रहा है। प्रदेश, देश के ग्रोथ इंजन के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा है। आज देश व दुनिया के बड़े उद्यमी प्रदेश में निवेश के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। इस वातावरण के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार को अनेक सुधार करने पड़े।
मुख्यमंत्री आज यहां लखनऊ में बिजनेस स्टैंडर्ड समृद्धि उत्तर प्रदेश कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब हम आर्थिक समृद्धि की बात करते हैं तो बिजनेस भी उसका एक हिस्सा होता है। श्रीमद्भगवद्गीता में बिजनेस की विस्तृत व्याख्या की गयी है। ‘कृषिगौरक्ष्यवाणिज्यं वैश्यकर्म स्वभावजम्।’ इसका तात्पर्य है कि खेती, गोरक्षा, और व्यापार वैश्यों के लिए कार्य के गुण हैं। कृषि, गोरक्षा तथा आर्थिक गतिविधियां आदि व्यवसाय के अन्तर्गत आते हैं। आगे चलकर कृषि तथा गोरक्षा को व्यवसाय से अलग कर दिया गया। स्वतंत्र भारत में वाणिज्यिक गतिविधियों के अन्तर्गत केवल उस आर्थिक लेनदेन को सम्मिलित किया जाता है, जिसके अन्तर्गत पूंजी का वृहद आयाम जुड़ा होता है। लेकिन व्यापकता में जाने पर पता चलता है कि कृषि, पशुपालन तथा डेयरी सेक्टर इससे अलग नहीं हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। यहां लगभग 25 करोड़ जनसंख्या निवास करती है। ऐसा कौन सा कारण था जो उत्तर प्रदेश को देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनने से रोक रहा था। आज प्रदेश में सबसे सस्ता व स्किल्ड मैनपावर है। काशी तथा प्रयागराज ने देश के प्रमुख शिक्षा केंद्रों के रूप में अपनी बड़ी भूमिका का निर्वहन किया था। यह कभी प्राच्य विद्या के केंद्र थे। दुनिया का सबसे प्राचीन गुरुकुल, महर्षि भारद्वाज का गुरुकुल प्रयागराज में स्थित था। हम कालचक्र को नहीं समझ पाए। हमने समय की गति को नहीं पहचाना, परिणामस्वरूप शिक्षा के केन्द्र, स्किल्ड मैनपावर, सर्वाधिक उपजाऊ भूमि तथा दुनिया का सर्वाधिक अच्छा जल संसाधन होने के बावजूद हम पिछड़ गए।

निवेशकों को इन्सेंटिव का ऑनलाइन वितरण किया जा रहा है तथा इसकी ऑनलाइन मॉनीटरिंग भी हो रही है, ताकि निवेशकों को इन्सेंटिव के लिए कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें। कुछ दिन पूर्व निवेशकों को एक साथ बुलाकर लगभग 1,300 करोड़ रुपए के इन्सेंटिव वितरित किए गए। इन्सेंटिव प्राप्त कर निवेशकों के मन में सरकार के प्रति विश्वास में वृद्धि हुई है। युवाओं के मन में भी यह विश्वास जगा है कि निवेश से रोजगार की गारण्टी प्राप्त होगी। प्रदेश सरकार की नीतियों के प्रति निवेशकों का विश्वास बढ़ाना तथा लोगों को निवेश से अवगत कराना इस आयोजन का उद्देश्य था।
प्रदेश में देश का सबसे बड़ा हाईवे, एक्सप्रेस-वे तथा रेलवे नेटवर्क है। देश का पहला वॉटर-वे भी वाराणसी तथा हल्दिया के बीच में संचालित हो चुका है। प्रदेश में लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में भी अनेक कार्य किए गए हैं। वाराणसी में लॉजिस्टिक्स मल्टी मॉडल टर्मिनल निर्माण, गौतमबुद्धनगर में लॉजिस्टिक्स व ट्रांसपोर्ट हब निर्माण तथा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के कार्य तेजी के साथ आगे बढ़े हैं। इन सब कार्यों की नींव कानून व्यवस्था तथा सुरक्षा के बेहतर वातावरण में सम्भव है। प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में निरंतर प्रयास किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली पर्व के ठीक पूर्व बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा समृद्धि कॉन्क्लेव का प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजन एक सकारात्मक पहल है। उन्हें अवगत कराया गया है कि बिजनेस स्टैंडर्ड वर्ष 2009 से इस कॉन्क्लेव का लगातार आयोजन करता आ रहा है। बिजनेस स्टैंडर्ड को मण्डल तथा जनपद स्तर पर विशिष्ट योजनाओं को जोड़ते हुए ऐसी कॉन्क्लेव आयोजित करनी चाहिए। औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एन0आर0आई0 तथा निवेश प्रोत्साहन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, निदेशक सूचना शिशिर, बिजनेस स्टैंडर्ड के सम्पादक कैलाश नौटियाल, सम्पादकीय निदेशक अशोक कुमार भट्टाचार्य, बिजनेस स्टैंडर्ड से जुड़े हुए पदाधिकारी गण, सम्पादक गण, उद्यमी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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