ई-रिक्शा/ई-कार्ट चलाने के लिए भी लेना होता है लाइसेंस – एआरटीओ

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ई-रिक्शा ड्राइवरों के लिए डीएल जरूरी, विशेष कैम्प का आयोजन
सोनभद्र। ई-रिक्शा की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं और लगने वाले जाम पर लगाम लगाने के लिए परिवहन विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। ई-रिक्शा चालकों के लिए भी ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य होगा। यातायात माह के अंतर्गत परिवहन विभाग द्वारा ई-रिक्शा, ई कार्ट चालकों के लाइसेंस हेतु विशेष कैम्प का आयोजन 12 नवंबर को परिवहन कार्यालय में होगा। गौरतलब है कि जनपद में 1224 रजिस्टर्ड ई-रिक्शा व 71 रजिस्टर्ड ई-कार्ट चल रहे है।
   एआरटीओ प्रशासन धनवीर यादव का कहना है ई-रिक्शा का पंजीकरण के साथ फिटनेस प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है। इनके बिना ई-रिक्शा को जब्त किया जा सकता है। साथ ही चालक का ड्राइविंग लाइसेंस भी अनिवार्य है। ई-रिक्शा के लिए एआरटीओ कार्यालय में पंजीयन कराना होता है। इसके बाद रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा, जिसे रिक्शे पर दर्ज करना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद हर तीन वर्ष में रिक्शे की फिटनेस का प्रमाणपत्र भी एआरटीओ से लेना होगा। मोटर वाहन निरीक्षक आलोक कुमार यादव ने बताया कि चालकों के लिए सरकार ने ई-रिक्शा ई-कार्ट लाइसेंस की व्यवस्था लागू की है।

एआरटीओ दफ्तर में बना पृथक सुविधा काउंटर

सोनभद्र। परिवहन कार्यालय में सोमवार को लाइसेंस, फिटनेस व पंजीयन को वरिष्ठ नागरिकों, मान्यता प्राप्त पत्रकारों, सैनिकोंध्भूत पूर्व सैनिकों व महिलाओं के लिए पृथक सुविधा काउंटर की स्थापना कर दिया गया है। एआरटीओ धनवीर यादव ने बताया कि अभी तक लाइसेंस हो या फिर वाहन का फिटनेस कराना हो या फिर अन्य कोई कार्य। सभी को एक ही काउंटर पर कतार में लग कर काम कराना पड़ता था, लेकिन सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों, मान्यता प्राप्त पत्रकारों, भूत पूर्व सैनिकों व महिलाओं के लिए पृथक सुविधा काउंटर बनाने का निर्देश जारी किया था। जिस क्रम में सोमवार को परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह की ओर से जारी निर्देश के बाद काउंटर की स्थापना कर दी गई है। ताकि इनको कतार में लगना न पड़े।

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