गंगा का जलस्तर  लगातार बढ़ रहा, गंगा कटान से तीर गांवा व हसनपुर के अस्तित्व पर संकट के बादल 

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*चहनियां।चंदौली*/गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है ।  बिगत 6 दिनों में करीब 60 सेंटीमीटर पानी बढ़ा है । मन्दिर  डूबने के बाद दोनो महिला चेंजिंग रूम पूरा डूब गया है । शमशान घाट स्थल पर पानी भरने से शव जलाने वाले लोगो के सामने विकट समस्या आ गयी है । तटवर्ती गांव के ग्रामीणों में फिर से दहशत दिखने लगा है ।

          गंगा के जलस्तर में 18 जुलाई से धीरे धीरे बृद्धि हुई है । 11 दिनों तक बढ़ोतरी के बाद बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनीं गंगा तट पर बना मन्दिर पूरा डूबने के साथ महिला चेंजिंग रूम भी डूब गया था । शमशान घाट को पानी अपने आगोश में ले लिया था । 1 अगस्त से पानी के घटने का क्रम शुरू हो गया । करीब चार पांच दिनों में घाट पर बना मन्दिर फिर से दिखने लगा था । किन्तु 6 दिनों में पानी फिर से तेज बेग से बढ़ने लगा है । पिछली बार की अपेक्षा इस बार पानी का बेग ज्यादा है जो महज तीन दिनों में ही 15 सीढ़िया डूब गयी । जबकि पिछली बार यहां तक पानी पहुचने में 10 दिन लग गया था ।

शनिवार की रात में 5 इंच पानी की बढ़ोतरी हुई है । जलस्तर बढ़ने से बलुआ घाट की सभी सीढ़िया डूब गयी है । दोनो महिला चेंजिंग रूम भी डूब गया है । शमशान घाट पर पानी भरने से शव जलाने के लिए लोगो को इधर उधर भटकना पड़ रहा है । गंगा तट के किनारे बसे गांव कांवर,महुअरिया,बिसुपुर,महुआरी खास,सराय,बलुआ,डेरवा,महुअर कला,हरधन जुड़ा,बिजयी के पूरा,गणेश पूरा, टाण्डाकला,बड़गांवा,तीरगांवा, हसनपुर,नादी निधौरा आदि गांवो के किसानों व ग्रामीणों में फिर से तेजी से जलस्तर बढ़ने से थोड़ा थोड़ा जमीन कटकर गिर रही है । अब तक उक्त गांवो के किसानों की हजारो एकड़ उपजाऊ जमीन गंगा में समाहित हो चुकी है । रविवार को तीरगांवा हसनपुर में केदार नाथ मिश्रा का करीब चार बिस्सा जमीन गंगा में समाहित हो गयी । वही गांव के राजमणी देवी ,रामराज यादव,श्यामराज यादव,फेंकू यादव की भी जमीन करीब दो बिस्सा जमीन गंगा में समाहित हो चुका है । उक्त लोगो का कहना है कि हमलोगों का हर वर्ष कुछ न कुछ जमीन गंगा में समाहित हो जाता है । जनप्रतिनिधियों द्वारा गंगा कटान रोकने का वादा सिर्फ वादा ही रह जाता है । आज तक कटान रोकने का कोई ठोस उपाय नही हुआ है । कटान के मुहाने पर कई मकान भी है । हसनपुर में कई लोगो का मकान गंगा में समाहित भी हो चुका है । पानी के बेग से पुल के खम्भे के पास मिट्टी भी बह गयी है । यहां बोल्डर लगना था । अब पुल को भी खतरा होने लगी है ।

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