वाराणसी। भारत के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को नमो घाट पर “नमो घाट का लोकार्पण एवं देव दीपावली का विधिवत शुभारंभ” किया। इस अवसर पर उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ भी उपस्थित रही।
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लोगो का संबोधित करते हुए कहा आज मेरा मन पूरी तरह अभिभूत हूं। दुनिया के सबसे बड़े नमो घाट का लोकार्पण करने के अवसर को अपने जीवन का प्रमुख और बड़ा दिन बताया। उन्होंने कहा कि आज कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली के साथ ही प्रथम सिख गुरु गुरुनानक की 555वां प्रकाश पर्व के साथ ही भगवान विरसामुंडा की 150 वीं जयंती के अवसर पर देशवासियों के साथ ही विशेषकर काशीवासियों को बधाई दी
उन्होंने कहा कि अपना भारत बदल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं योगी आदित्यनाथ की तपस्या से हो रहे विकास कार्य से दुनिया अचंभित है। उप राष्ट्रपति ने काशी की बखान करते हुए कहा कि “जहां की मिट्टी पारस हैं, उस शहर का नाम बनारस है।” काशी मोक्ष की नगरी है। आज काशी विकास एवं अध्यात्म का समन्वय है। काशी जैसा कल्चरल सेंटर कही भी नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के लिए समर्पित हैं। हमारी सांस्कृतिक विरासत पूरी दुनिया को संदेश देता हैं। सनातन हमें एक और मजबूत रहने का संदेश देता हैं। भारत दुनिया में बड़ी ताकत के रूप में अग्रसर हैं। भारत सनातन की आत्मा है। सनातन के संरक्षण एवं संवर्धन का संकल्प सभी को लेना चाहिए। कोई भी हित मेरे लिए देश हित से ऊपर नहीं है। स्वदेशी को जीवन में लोगो से अपनाये जाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होने के साथ ही विदेशी मुद्रा को बचाने के साथ ही रोजगार के अवसर भी लोगो को मिलेगा। उन्होंने कहा कि सौहार्दपूर्ण वातावरण एवं माहौल को बनाए रखना ही हमारी पूंजी हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशीवासियों की ओर से अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रथम सिख गुरु गुरुनानक जी का प्रकाश उत्सव के साथ ही विरसामुंडा का भी जयंती होने पर भी सभी को बधाई दी। कहा कि विगत 10 वर्षों में नए बदलते भारत के साथ ही काशीवासियों ने अपनी पुरातन संस्कृति को समेटे बदलते काशी को देख रहे है। आज नमामि गंगा योजना के अंतर्गत काशी की गंगा स्वच्छ एवं निर्मल हुई है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण से आज दर्शनार्थियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि देश का पहला वाटर-वें हल्दिया तक काशी में ही बना है। काशी में अनगिनत विकास कार्य हुआ हैं। देश का सबसे बड़े घाट के रूप में नमो घाट काशी में ही बना है। सबसे सुन्दर, बड़ा एवं लंबा घाट नमो घाट है। सर्वांगीण विकास का मॉडल अब काशी बन चुका है। काशी की देव दिवाली वैश्विक मंच पर अपना स्थान बना चुका है।
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज देव दीपावली के साथ ही गुरुनानक की 555वां जयंती प्रकाश पर्व पर लोगों को शुभकामनाएं दी। नमो घाट पर बने हाथ का नमस्ते मुद्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह 350 टन स्टील व 50 टन अष्ट धातु से बनाया गया हैं। बताया कि नमो घाट को माडल के रूप में विकसित किया गया है। पहले यहां के गंगा में डीजल के नाव संचालन से प्रदूषण होता रहा। लेकिन सभी नावों को सीएनजी में परिवर्तित कराया गया। इससे जहां गंगा को प्रदूषण से मुक्त कराया गया, वही यहां के नाविकों को भी रोजगार के वृहद अवसर उपलब्ध कराया गया। नमो घाट पर सीएनजी स्टेशन के साथ ही प्रधानमंत्री के निर्देश पर काशी के गंगा नदी में फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन एवं फ्लोटिंग मोबाइल चार्जिग स्टेशन भी बनाया गया है।
इससे पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का शाल ओढ़ाकर एवं नमो घाट पर हाथ का बने नमस्ते मुद्रा का प्रतीक चिन्ह भेट कर स्वागत किया।
इस अवसर पर अमेरिका एवं ऑस्ट्रेलिया सहित स्थानीय कलाकारों द्वारा भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम की कई प्रस्तुति भी हुई। इसके बाद लोगो ने चेतसिंह पर लेजर शो तथा गंगा आरती का दृश्यावलोकन किया।
तत्पश्चात सूर्य के अस्ताचल होने पर अधेरा होने पर जैसे ही उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, उनकी पत्नी सुदेप धनखड़, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी आदि लोगो ने दीप प्रज्वलित कर देव दीपावली की विधिवत शुरुआत की। काशी के सभी 84 घाटों के साथ ही गंगा उस पार रेती सहित प्रमुख कुंडो, तालाबों आदि स्थानों पर लाखोलाख दीपक से जगमगा उठे। जैसे लगा कि नभ मंडल से लाखों आकाश गंगाए एक साथ देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी के गंगा घाटों पर उतर आयी हो। इस अवसर पर भव्य आतिशबाजी भी हुआ।
बताते चलें कि देव दीपावली, पवित्र नगरी वाराणसी में प्रति वर्ष मनाया जाने वाला एक लोकप्रिय उत्सव है। देव दीपावली को देव दिवाली भी कहा जाता है तथा यह पर्व, भगवान शिव की त्रिपुरासुर नामक दैत्य पर विजय को चिह्नित करने हेतु मनाया जाता है। इसीलिये देव दीपावली उत्सव को त्रिपुरोत्सव अथवा त्रिपुरारी पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है, जो कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मनायी जाती है। वैसे देव दिवाली हिंदू धर्म में विशेष पर्वों में आती है। वैदिक पंचांग के अनुसार देव दिवाली कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। देव दिवाली, दिवाली के कुछ दिन बाद मनाया जाने वाला हिंदू धर्म का विशेष पर्व है, जो हर साल करीब नवंबर के महीने में मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार देव दिवाली के पर्व को भगवान शिव का जन्म दिवस मनाया जाता है। जिसे विधि विधान से मनाने पर विशेष फलों की प्राप्ति, सभी दुखों से छुटकारा और भगवान शिव की कृपा दृष्टि बनी रहती है। मान्यता है कि ऐसा करने पर सभी पाप खत्म होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। देव दीपावली का पर्व भगवान शिव को समर्पित है। हिंदू धर्म में देव दीपावली का पर्व विधि विधान से मनाने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी, उत्तर प्रदेश के स्टाम्प एवं न्यायालय शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल, आयुष एवं खाद्य सुरक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, महापौर अशोक तिवारी, पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी, एमएलसी धर्मेंद्र राय, एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विधायक सुनील पटेल सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।