राज्य सरकार बाल विवाह, अस्पृश्यता तथा दहेजप्रथा के विरुद्ध अनवरत अभियान जारी रखेगी – मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री जनपद गोरखपुर में ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के अन्तर्गत 1,200 नवदम्पत्तियों के सामूहिक विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित हुए , प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत गरीब बेटियों के स्वावलम्बन हेतु
25 हजार रु0 की धनराशि उपलब्ध करा रही, अब तक इस योजना में 20 लाख बेटियां लाभान्वित

लखनऊ: मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार अभिभावक बनकर बेटियों को दहेज रूपी कुरीति से बचाने का कार्य कर रही है तथा उनके अभिभावकों का सम्बल बन रही है। सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन बहुत महत्वपूर्ण है। आज यहां 1,200 नवदम्पत्तियों के विवाह का उत्सव एक मेले की तरह आयोजित हो रहा है। यह कार्यक्रम सामाजिक समता का प्रतीक है। सामूहिक विवाह कार्यक्रम प्रदेश के समस्त जनपदों में चलाया जा रहा है, ताकि गरीब बेटी दहेज जैसी कुप्रथा का शिकार न हो, बल्कि वह इसके खिलाफ आवाज उठा सके। यहां किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है। किसी भी जाति, भाषा, क्षेत्र तथा मजहब का कोई बंधन नहीं है। इस आयोजन में हिन्दू परम्परा के अनुसार तथा मुस्लिम मजहब के रिवाज के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन हो रहे हैं। अन्य मत के लोग भी अपनी रीति के अनुसार इस कार्यक्रम में सहभागी बने हैं।

मुख्यमंत्री आज जनपद गोरखपुर में ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के अन्तर्गत 1200 नवदम्पत्तियों के सामूहिक विवाह कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने नवविवाहित वर-वधू को आशीर्वाद तथा उपहार प्रदान किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम दहेज जैसी भयानक सामाजिक कुरीति पर करारा प्रहार है। पहले दहेज के लिए धन के अभाव के कारण बहुत सी बेटियां वैवाहिक बंधन से नहीं जुड़ पाती थीं। प्रदेश सरकार ने ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के माध्यम से इस सामाजिक कुरीति के विरुद्ध अभियान आगे बढ़ाया है। राज्य सरकार बाल विवाह, अस्पृश्यता तथा दहेज प्रथा के विरुद्ध अनवरत अभियान जारी रखेगी।

मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि विगत 07 वर्षाें में 3.84 लाख नवदम्पत्तियों को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना से जोड़ा गया है। यह सत्र सम्पन्न होने के पश्चात यह संख्या लगभग चार लाख तक पहुंच जाएगी। आमजन ने इस कार्यक्रम को हाथों हाथ लिया है। इस योजना से जुड़ने वाले नवदम्पत्तियों ने दहेज का लेन-देन न कर समाज के सामने आदर्श प्रस्तुत किया है। ऐसे नवदम्पत्ति धन्यवाद और प्रशंसा के पात्र हैं। इन्होंने बहुत साहसिक कदम उठाया है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना भी बेटियों के स्वावलम्बन के लिए चलाई जा रही है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना सफलता की ऊंचाइयों पर चढ़ती रहेगी। समाज की कोई भी बेटी अब अविवाहित नहीं रहेगी, बल्कि वह दहेज के खिलाफ अभियान का हिस्सा बनकर इस कार्यक्रम में अपना योगदान देकर इसे आगे बढ़ाने का कार्य करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि इन दम्पत्तियों का विवाह उनके घर पर होता, तो वह स्वयं तथा अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित नहीं हो पाते, किन्तु आज इस विवाह समारोह में सारे जनप्रतिनिधि आये हैं। यह सब बड़े सौभाग्यशाली हैं, क्योंकि  इनके विवाह की व्यवस्था प्रशासन कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अनेक जनकल्याणकारी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया है। श्रमिकों के बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालयों का निर्माण किया गया है। प्रदेश में लगभग 01 करोड़ निराश्रित महिलाओं, वृद्धजनों एवं दिव्यांगजनों को 12 हजार रुपये प्रतिवर्ष पेंशन की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत प्रदेश की गरीब बेटियों के स्वावलम्बन हेतु उनके जन्म से स्नातक की शिक्षा तक के लिए 25 हजार रुपये की धनराशि उपलब्ध करा रही है। अब तक इस योजना में 20 लाख बेटियों को लाभान्वित किया जा चुका है।
गोरखपुर के महापौर डॉ0 मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक राजेश त्रिपाठी, महेन्द्र पाल सिंह ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस अवसर पर विधायकगण फतेह बहादुर सिंह, विपिन सिंह, डॉ0 विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ला, सरवन कुमार निषाद सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, नवदम्पत्ति, अभिभावकगण एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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